महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे क्या केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से दूरी बना रही हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ कि पंकजा मुंडे केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं।

इस बार मौका मुंबई में यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की मदद के लिए वन स्टॉप सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम का था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी परेल के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में सेंटर की शुरुआत के मौके पर पहुंची थीं। इस अवसर पर कार्यक्रम में लोग महाराष्ट्र सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे की अनुपस्थिति को लेकर चर्चा कर रहे थे।

हालांकि, अपनी मंत्री की अनुपस्थिति की भरपाई करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद यहां उपस्थित थे। खास बात है कि इस कार्यक्रम के आयोजन में पंकजा मुंडे का मंत्रालय खुद समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा था। इतनी ही नहीं इस सेंटर को स्थापित करने में पकंजा मुंडे की खुद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है।

यह पहली बार नहीं है कि पंकजा ने स्मृति ईरानी के कार्यक्रम से खुद को दूर रखा हो। सूत्रों के अनुसार इससे पहले हाल ही में स्मृति ईरानी की तरफ से महिला एवं बाल विकास से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री के रूप में पंकजा मुंडे को इस कार्यक्रम में उपस्थित होना था लेकिन वह इस बैठक में शामिल नहीं हुईं।

उस समय भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पंकजा की कमी की भरपाई की थी। मुख्यमंत्री खुद अपनी कैबिनेट मंत्री की जगह इस बैठक में शामिल हुए थे। यह पहली या दूसरी बार नहीं है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपनी मंत्री के बचाव में आए हों। साल 2015 में पंकजा मुंडे के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद भी सीएम अपनी इस महिला मंत्री के बचाव में आगे आए थे। कांग्रेस ने पंकजा मुंडे पर बाल विकास सेवा योजना के तहत 206 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था।

पंकजा मुंडे ने एक दिन में 24 सरकारी स्कूलों को आदेश जारी कर 206 करोड़ रुपये के वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी थी। यह खरीद सरकारी प्रक्रिया के अनुसार नहीं हुई थी। उस समय सीएम फडणवीस ने कहा था कि प्रथम दृष्टया पंकजा ने कुछ भी गलत नहीं किया और जरूरत पड़ेगी तो इस मामले की जांच कराई जाएगी।