Maharashtra Special Public Security (MSPS) Bill: क्या महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अधिकारी MVA गठबंधन एकजुट नहीं है? यह बड़ा सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र की विधानसभा और विधान परिषद में हाल ही में Maharashtra Special Public Security (MSPS) बिल आसानी से पारित हो गया जबकि ऐसा माना जा रहा था कि विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध करेगा और सरकार को मुश्किल पेश आएगी।
इस बिल को ‘अर्बन नक्सलिज्म’ के खिलाफ बताया गया है और यह साफ दिखाई दिया कि विपक्ष ने इस मामले में रणनीतिक एकजुटता नहीं दिखाई हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि इस कानून के खिलाफ क्या महाराष्ट्र में लोग सड़कों पर उतरेंगे?
वामपंथी संगठनों पर नकेल कसना चाहती है फडणवीस सरकार?
विधानसभा और विधान परिषद में मौका गंवाने के बाद विपक्षी नेताओं का डेलिगेशन अगले हफ्ते राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलने जा रहा है। MVA में शामिल दल कांग्रेस, NCP (शरद पवार) और शिवसेना (UBT) वामपंथी संगठनों के साथ मिलकर फडणवीस सरकार के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं हालांकि उन्हें कितना समर्थन मिलेगा यह देखने वाली बात होगी?
विपक्ष ने इस संबंध में सरकार की ओर से बनाई गई समिति को 12 हजार सुझाव भेजे थे लेकिन इसमें से सिर्फ तीन को ही स्वीकार किया गया। कांग्रेस के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के एक पूर्व मंत्री ने खुलकर स्वीकार किया और कहा, ‘MVA के भीतर कोई एकता नहीं है, हर पार्टी वही कर रही है जो उसे ठीक लगता है, अगर हमने विधानसभा में सामूहिक रूप से अपनी सहमति दर्ज कराई होती तो हमें ऐसे कानून के खिलाफ सरकार की मंशा पर सवाल उठाने का मौका मिलता।’
शिंदे गुट के मंत्री पर ‘टेढ़ी’ हुई इनकम टैक्स की नजर, मिला नोटिस
सत्ता के दुरुपयोग का डर- उद्धव ठाकरे
शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं लेकिन अगर सरकार कानून के जरिए विरोधियों को परेशान करेगी तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। विपक्ष का कहना है कि इस कानून के लागू होने पर सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर सकती है और महाराष्ट्र के अंदर एक ऐसा राजनीतिक माहौल बन सकता है जिसमें सरकार पर सवाल उठाने वाले किसी भी शख्स को ‘अर्बन नक्सल’ करार दिया जा सकता है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
MISA और TADA के खिलाफ उठी थी आवाज
महाराष्ट्र में इससे पहले भी Maintenance of Internal Security Act (MISA) और Terrorist and Disruptive Activities (Prevention) Act (TADA) के दुरुपयोग को लेकर आवाज उठ चुकी है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि सरकार इस कानून का दुरुपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ करेगी हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह विधेयक वामपंथी उग्र संगठनों से निपटने के लिए है और इसका मकसद राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना नहीं है।