Solapur Unofficial Repoll: महाराष्ट्र में ईवीएम में धांधली के लगे आरोपों के बीच राज्य के एक गांव में मंगलवार को फिर से मतदान होने जा रहा है। यहां के लोग ईवीएम नहीं बल्कि बैलेट पेपर से वोट डालेंगे। यह गांव सोलापुर जिले के मालीशिरास तहसील का मार्कडवाडी है। हालांकि, यह मतदान अनौपचारिक होगा और इसमें इलेक्शन कमीशन की कोई भी भूमिका नहीं है।

चुनावी नतीजों में एनसीपी (शरद पवार) उत्तमराव जानकर ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक राम सतपुते को हराया था। जानकर जीत गए, लेकिन गांव के उनके एमवीए समर्थकों ने चुनाव आयोग द्वारा जारी ईवीएम मतगणना के आंकड़ों पर आपत्ति जताई, जिसमें दिखाया गया था कि बीजेपी उम्मीदवार को बढ़त मिली थी। इसलिए फिर से वोटिंग कराने का फैसला लिया है।

प्रशासन ने दिया नोटिस

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोलापुर प्रशासन ने गांव के लोगों के इस प्रक्रिया से दूर रहने का नोटिस दिया है, क्योंकि इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो सकता है। सोमवार को वहां पुलिस बल तैनात किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए सोलापुर के एसपी अतुल कुलकर्णी ने कहा, ‘हमने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में नोटिस जारी किए हैं। प्रशासन ग्रामीणों से बात कर रहा है ताकि उन्हें कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने वाले किसी भी कदम से बचने के लिए राजी किया जा सके।’

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हमें चुनाव आयोग के डेटा में भरोसा नहीं

वहीं गांव के रहने वाले शख्स रंजीत मरकड ने बताया कि हमारे गांव में 2,000 से ज्यादा वोटर्स हैं। इनमें से लगभग 1,900 ने 20 नवंबर को वोटिंग की थी। हमारे गांव ने हमेशा जनकर और मोहिते पाटिल परिवार का समर्थन किया है। लेकिन इस चुनाव में जनकर को 843 वोट मिले, जबकि हमारे गांव से सतपुते को 1,003 वोट मिले। हम चुनाव आयोग के इस डेटा पर विश्वास नहीं करते। इसलिए हमने वोटों के बंटवारे का सबूत पाने के लिए 3 दिसंबर को बैलेट पेपर से वोटिंग कराने का फैसला लिया है।

एमवीए समर्थकों ने कहा कि उन्होंने वास्तविक चुनाव में मालशिरस सीट से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों के साथ मतपत्रों की छपाई के लिए क्राउडफंडिंग की। उन्होंने सभी गांव के लोगों से बैलेट के जरिये अपना वोट डालने का आह्वान करते हुए बैनर लगाए हैं। एक अन्य शख्स अमित वाघमोर ने कहा, ‘हम पूरी प्रक्रिया का पालन करने का इरादा रखते हैं और हमने सभी गांव के लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की है।

बीजेपी समर्थकों ने किया बहिष्कार का ऐलान

इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए कुछ सरकारी अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए तहसीलदार ने उनके आग्रह को नामंजूर कर दिया है। मालशिरस सीट के रिटर्निंग ऑफिसर विजय पंगारकर ने कहा, ‘मतदान और मतगणना प्रक्रिया 23 नवंबर को समाप्त हो गई जब परिणाम घोषित किए गए। मार्कडवाड़ी के सभी 3 बूथों में प्रक्रिया पारदर्शी थी और डेटा में कोई भी खामी नहीं थी।’ गांव के बीजेपी समर्थकों ने घोषणा की है कि वे वोटिंग में भाग नहीं लेंगे। अविनाश कोडिलकर ने कहा, ‘बैलेट पेपर से मतदान करने का फैसला कुछ लोगों ने गांव के बाकी लोगों को विश्वास में लिए बिना लिया। राज्य चुनाव खत्म हो चुका है और इस प्रक्रिया को फिर से करने की कोई जरूरत नहीं हैं। हम इसका बहिष्कार करेंगे।’ प्रचंड जीत के बाद महाराष्ट्र को क्यों नहीं मिल रहा अपना सीएम, पढ़ें पूरी खबर…