महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बुधवार को वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर समुद्र सेतु (Veer Savarkar Samudra Setu) और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा सेतु (Atal Bihari Vajpayee Smruti Nhava Sheva Atal Setu) कर दिया है। इसका फैसला पिछले महीने ही वीर सावरकर के जन्मदिन पर ले लिया गया था, लेकिन इसका ऐलान बुधवार को किया गया।
नाम बदलने को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच काफी समय से टकराव चल रहा था। जब इसका फैसला लिया गया था, तब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि यह गौरव का विषय है कि वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर समुद्र सेतु रखा जाए।
औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदले गये थे
कुछ समय पहले ही सरकार ने राज्य के औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर और धाराशिव के नाम पर रखने का ऐलान किया था। केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिलते ही इन नामों को औपचारिक रूप से बदल दिया गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है। इसके तहत महात्मा ज्योतिराव फूले जन आरोग्य योजना की सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। यह सुविधा राज्य के सभी लोगों के लिए है।
सीएम एकनाथ शिंदे ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने राज्य में 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य में एक लाख बीस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में भारी निवेश संभावनाओं और अनुकूल माहौल को देखते हुए कई बड़ी कंपनियां यहां आ रही है। अब महाराष्ट्र एफडीआई में फिर से नंबर एक की पोजिशन पर पहुंच गया है।
केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तर्ज पर, महाराष्ट्र सरकार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कार स्थापित करेगी।’ इससे अच्छे और साहसपूर्ण कामों को बढ़ावा मिलेगा। राज्य के जो बच्चे इसको जीतेंगे, वे राज्य के लिए वीर बालक कहलाएंगे।