महाराष्ट्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है और यह कभी था भी नहीं। हालांकि विवाद बढ़ता देख जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक हिंदू हूं और हिंदू धर्म की कुरीतियों को जानता हूं।
जितेंद्र आव्हाड का बड़ा बयान
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “मैं एक हिंदू हूं और मैं हिंदू धर्म की कुरीतियों को जानता हूं। लेकिन मुझे इस पर गर्व है क्योंकि यह बदलाव को स्वीकार करता है। अगर हम बदलाव को स्वीकार नहीं करते हैं तो हम 5000 साल पीछे चले जाएंगे। जहां छुआछूत थी और पीने के पानी और शिक्षा का अधिकार नहीं था। वो कौन लोग थे जिन्होंने हमें मंदिरों में जाने से रोका? वो कौन लोग थे जिन्होंने शिवाजी महाराज के ‘राज्याभिषेक’ को रोका? डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को शिक्षा के लिए स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी।”
‘सनातन और हिंदू धर्म अलग’
जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, “आज भारत की 90% आबादी ‘शूद्र’ है। इतिहास हमें बताता है कि भारत में शूद्रों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था। अंबेडकर की वजह से ही हमारी महिलाएं अपने घरों से बाहर दिखाई देती हैं। महात्मा फुले की वजह से ही उन्हें शिक्षा मिल रही है। अगर ‘मनु’ (मनुस्मृति) हमारा संविधान होता, तो ऐसा नियम लागू होता जिसमें सेक्स की अनुमति होती और फिर उन्हें (स्त्रियों को) छोड़ दिया जाता। सनातन और हिंदू धर्म को एक दूसरे से मिलाना नहीं चाहिए।”
‘जो लोग मनुस्मृति को संविधान से अधिक मानते, वह सभी सनातनी आतंकवादी’
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि भगवान बुद्ध को परेशान किसने किया, बौद्ध भिक्षुओं की हत्या किसने की? उन्होंने कहा कि शोषितों को पानी देने से इनकार किसने किया, वह सभी सनातनी आतंकवादी थे। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी को प्रार्थना के लिए जाते समय गोली मारी थी और जो लोग मनुस्मृति को संविधान से अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं, वह सभी सनातनी आतंकवादी हैं।
इससे पहले जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा था कि हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि सनातन धर्म ही छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि जितेंद्र आव्हाड चार बार के विधायक हैं और शरद पवार के करीबी माने जाते हैं।