महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री की घोषणा बुधवार को हो जाएगी। बुधवार को भाजपा के विधायक दल की बैठक होनी है और इसी में पार्टी का नेता तय होगा। विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने निर्मला सीतारमण और विजय रुपाणी को पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है। निर्मला सीतारमण को ही विधायक दल की बैठक कराना और मुख्यमंत्री का चुनाव करना है।

तीन बार सीतारमण बन चुकी हैं पर्यवेक्षक

पिछले 7 सालों में यह चौथी बार है जब निर्मला सीतारमण को पार्टी ने पर्यवेक्षक बनाकर मुख्यमंत्री का चयन करने भेजा है। सीतारमण इससे पहले 2017 में हिमाचल, 2019 में हरियाणा और 2022 में मणिपुर में भी मुख्यमंत्री का चयन कर चुकी हैं। उस दौरान भी उन्हें पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय नेतृत्व ने नियुक्त किया था। अगर निर्मला सीतारमण के पर्यवेक्षक के तौर पर पुराने ट्रैक रिकार्ड की बात करें तो वहां पर उन्होंने उसी चेहरों को तीन में से दो बार मुख्यमंत्री चुना है, जो पहले से ही चर्चा में रहा हो और राज्य का सीएम रहा हो।

हिमाचल में मिला था सरप्राइज

2017 में जब निर्मला सीतारमण पहली बार पर्यवेक्षक बनाकर हिमाचल पहुंची, तब उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए जयराम ठाकुर को चुना था। उस दौरान यह सरप्राइज था क्योंकि इस पद के लिए प्रेम कुमार धूमल और जेपी नड्डा का नाम पहले से ही चल रहा था। वहीं 2019 में निर्मला सीतारमण हरियाणा में पर्यवेक्षक बनकर गईं। यहां पर विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री चुना गया। खट्टर पहले से ही मुख्यमंत्री थे। ऐसे में चर्चित चेहरे को ही पार्टी ने एक बार फिर से हरियाणा की कमान सौंप थी।

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2022 में जब मणिपुर में बीजेपी को जीत मिली, उस दौरान भी पार्टी ने पर्यवेक्षक बनाकर निर्मला सीतारमण को ही मुख्यमंत्री चुनने के लिए भेजा था। इस बार निर्मला ने विधायक दल की बैठक कराई और मुख्यमंत्री रहे एन बीरेन सिंह के नाम पर ही सहमति बनी। इनका मुख्यमंत्री बना पहले से ही तय माना जा रहा था।

फडणवीस का CM बनना तय!

ऐसे में तीन में से दो बार निर्मला सीतारमण ने उसी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना है, जो पहले से ही चर्चित रहा हो। ऐसे में अगर पुराने ट्रैक रिकॉर्ड पर जाए तो देवेंद्र फडणवीस का सीएम बनना तय माना जा रहा है क्योंकि इस पद के लिए वह सबसे चर्चित चेहरे हैं। पार्टी के कई बड़े नेता भी खुलकर उनका समर्थन कर चुके हैं। पढ़ें एकनाथ शिंदे ही होंगे डिप्टी सीएम!