महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की तो प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बन गई है लेकिन लगता है सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अहम बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ अहम प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी, जिसमें एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे। हालांकि इस बैठक में अजित पवार मौजूद रहे।
एकनाथ शिंदे ने मीटिंग में नहीं लिया हिस्सा
इस बैठक में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर चर्चा होनी थी और यह विभाग भी एकनाथ शिंदे के पास ही है। लेकिन वह मीटिंग में नहीं आए। हालांकि एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने मीटिंग में हिस्सा लिया।
क्या नाराज चल रहे एकनाथ शिंदे?
पिछले हफ्ते भी कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे थे। बता दें कि एकनाथ शिंदे की नाराजगी दिसंबर महीने से ही चल रही है, जब से उन्हें दूसरी बार राज्य की कमान नहीं मिली। एकनाथ शिंदे चाहते थे कि कुछ समय के लिए वह मुख्यमंत्री बने रहे और बाद में बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। हालांकि महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे के बाद भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बनाया।
उद्धव से बगावत कर सीएम बने थे शिंदे
बता दें कि 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत की थी और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इसके बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे। बाद में इस सरकार में अजित पवार ने एनसीपी से बगावत की और शामिल हो गए। इसके बाद एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी ने साथ में चुनाव लड़ा और विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई।
हालांकि तीनों ही दलों ने विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को घोषित नहीं किया था। लेकिन माना जा रहा था कि अगर सरकार बनती है तो देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे। हुआ भी वैसा ही। बीजेपी को अकेले दम पर 130 से अधिक सीटें मिली और फडणवीस को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद से ही शिंदे नाराज चल रहे थे। जब बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में चुना, उसके बाद एकनाथ शिंदे को कई दिनों तक मनाया गया। तब जाकर शिंदे माने।