महाराष्ट्र में एनसीपी के एक गुट (अजित पवार) के एनडीए में शामिल होने के बाद अब नजरें राज्य में होने वाले कैबिनेट विस्तार पर हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों में तैयारियां भी चल रही हैं। ऐसे में महाराष्ट्र की सत्ता में अजित पवार गुट के आने से उसका प्रभाव लोकसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा। इससे नए हालात में मंत्रीमंडल का विस्तार एक बड़ी जरूरत के साथ कठिन चुनौती वाला काम बन गया है।
दो जुलाई को अजित पवार ने आठ अन्य विधायकों के साथ ली थी शपथ
सत्तारूढ़ शिवसेना ने गुरुवार को दावा किया कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा शुक्रवार को होने की संभावना है। जबकि विरोधी धड़े शिवसेना (UBT) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर संदेह जताया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायकों ने दो जुलाई को महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। इस आश्चर्यजनक कदम के कारण शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा में फूट पड़ गई। शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन में राकांपा विधायकों के शामिल होने से मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने गुरुवार को कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा शुक्रवार को ‘‘99 प्रतिशत’’ होने की संभावना है, जबकि पार्टी में उनके साथी और मंत्री उदय सामंत ने कहा कि विस्तार ‘‘उचित समय’’ पर किया जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि भाजपा के लिए सबको संतुष्ट कर पाना मुश्किल
शिवसेना (यूबीटी) ने सत्तारूढ़ दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बात पर संदेह है कि शिंदे के नेतृत्व वाले दल के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी या नहीं। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता और शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य अंबादास दानवे ने कहा कि भाजपा जिन लोगों को साथ लेकर आई है, उसके लिए उन्हें संतुष्ट कर पाना मुश्किल होगा।
दानवे ने कहा, ‘‘मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों की संख्या और उपलब्ध वास्तविक पदों में असंतुलन है। भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में कैबिनेट विस्तार एक चुनौतीपूर्ण काम है। दानवे ने कहा, ‘‘मंत्री पद की शपथ लेने वाले राकांपा विधायकों को विभागों का आवंटन अब भी नहीं हुआ है तो मंत्रिमंडल विस्तार का एक और दौर कब होगा? ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के लिए जो नए सूट सिलवाए हैं, वे संभवत: इस्तेमाल नहीं हो पाएंगे।’’
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि इस पर संदेह है कि कैबिनेट विस्तार होगा क्योंकि इससे दो सत्तारूढ़ समूहों-शिवसेना और राकांपा में आक्रोश फूट पड़ेगा।