महाराष्ट्र की राजनीति फोन टैपिंग के मुद्दे पर एक बार फिर गरमा गई है। राज्य के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की सरकार में विपक्षी नेताओं के फोन टैप करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जांच का आदेश दिया गया है। वहीं इस मुद्दे पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इन दिनों राजनीति में फोन टैपिंग होती है। मैं इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेता।

गृह मंत्री का बयान: NCP नेता और महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जब यहां बीजेपी सरकार थी, लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं के फोन टैप किए थे। आरोप हैं कि उन्होंने सरकार के पैसे पर Isreal का सॉफ्टवेयर खरीदा था और इसका इस्तेमाल फोन टैप करने के लिए किया था। हम इसकी जांच कर रहे हैं।

शिवसेना नेता का जवाब: सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इन दिनों राजनीति में फोन टैपिंग होती है। मैं इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेता। गृह मंत्रालय को फोन टैपिंग करने और अपने विरोधियों पर नजर रखने की आदत है। लेकिन फोन टैपिंग में लिप्त होने के बावजूद, हमने महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया।

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बीजेपी का जवाब: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि विपक्षी नेताओं का फोन टैपिंग महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है। हमारे सरकार ने ऐसा आदेश कभी नहीं दिया। वर्तमान राज्य सरकार किसी भी एजेंसी द्वारा किसी भी जांच करने के लिए स्वतंत्र है। यहां तक ​​कि शिवसेना के नेता भी तब राज्य गृह मंत्रालय का हिस्सा थे।

जांच जारी: देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार उन अधिकारियों को खोजने की कोशिश कर रही है जिन्हें कथित तौर पर स्नूपिंग सॉफ्टवेयर का अध्ययन करने के लिए इजराइल भेजा गया था। उन्होंने आगे कहा कि राज्य पुलिस की साइबर सेल को पिछली सरकार के दौरान ही जासूसी/फोन टैपिंग की शिकायतों पर एक्शन लेने को कहा गया था। हालांकि यह पूछताछ अब विपक्षी नेताओं की जासूसी की शिकायतों खासकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के गठन के बाद की जा रही है।