करीब दो हफ्ते पहले महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। अब पता चला है कि उसी रात करीब 200 लोगों की एक अन्य भीड़ ने महाराष्ट्र पुलिस की एक बस पर भी हमला किया था। पुलिस की यह बस लिंचिंग की जगह बचाव के लिए जा रही थी। तीन घंटे तक पुलिस की यह बस केन्द्र शासित दादर नगर हवेली के चिसदा गांव में बंधक बनाकर रखी गई। बता दें कि चिसदा गांव दहानु तालुका के गांव गडचिंचले से सिर्फ 13 किलोमीटर दूर है, जहां साधुओं समेत 3 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में खानवेल पुलिस थाने में एफआईआर 17 अप्रैल को दर्ज की गई। गौरतलब है कि लोगों की भीड़ ने पुलिस की बस पर हमला किया और इस हमले में कुछ पुलिसकर्मियों को चोट भी आयी हैं। इस मामले में पुलिस ने चिसदा गांव के 19 लोगों को 24 अप्रैल को हिरासत में भी लिया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत दे दी गई। इस घटना के मास्टमाइंड माने जा रहे दो आरोपियों को फिलहाल हिरासत में रखा गया है।
दादर नगर हवेली के कलेक्टर संदीप कुमार सिंह, सूरज जिमने और जग्दीश राथड के अनुसार, पटेलपाड़ा इलाके के चिसदा गांव में 200-300 लोगों की भीड़ ने साधुओं की लिंचिंग की घटना के बाद एक पेड़ काटकर हाइवे जाम कर दिया था। खानवेल के एसडीएम अपूर्व शर्मा ने बताया कि दो लोगों ने भीड़ को पुलिस की बस पर पथराव के लिए उकसाया। उन लोगों ने बस को 3 घंटे से ज्यादा बंधक बनाकर रखा और बस में तोड़फोड़ की।
तालासारी पुलिस स्टेशन से असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर विलास जाधव के नेतृत्व में एक टीम दादर नगर हवेली होते हुए गढ़चिंचले गांव जा रही थी। जिसे भीड़ द्वारा रोका गया। इस मामले में पुलिस अधिकारी विलास जाधव ने ही शिकायत दर्ज करायी है।
दादर नगर हवेली के एसपी शरद डराडे के अनुसार, यह घटना लिंचिंग की घटना से अलग है। हालांकि इसकी पूरी जानकारी महाराष्ट्र सीआईडी को सौंप दी गई है और वह ही इस बात का पता लगाएगी कि दोनों घटनाओं में कोई संबंध तो नहीं है। घटना की तस्वीरें और आरोपियों को भी सीआईडी को सौंप दिया गया है।
बता दें कि पालघर लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र सीआईडी जांच कर रही है। सीआईडी ने शुक्रवार को भी गडचिंचले और दिवासी गांव से पांच लोगों को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही सीआईडी सीसीटीवी फुटेज की मदद से अन्य आरोपियों की भी पहचान करने में जुटी है।