महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाता जुड़ गए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए सवाल किया कि मतदाता सूची को शुद्ध किए बिना वह स्थानीय निकाय चुनाव कैसे कराएगा।

मनसे के बूथ स्तरीय एजेंट्स को संबोधित करते हुए ठाकरे ने रविवार को कहा कि अगर मतदाता सूची में हेराफेरी करके चुनाव कराये जाते हैं, तो यह मतदाताओं का सबसे बड़ा अपमान है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची की जांच करके फर्जी मतदाताओं का पता लगाने को कहा।

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शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) और मनसे सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने हाल ही में राज्य निर्वाचन आयुक्त और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की थी। इन विपक्षी दलों ने दावा किया था कि विभिन्न पतों और विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में डुप्लिकेट नाम हैं। विपक्ष ने ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में सुधार करने और गड़बड़ियों को दूर करने की मांग की थी।

महाराष्ट्र में ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक कराए जाने हैं। महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल मतदाता सूची से छेड़छाड़ नहीं कर सकता है और मतदाता सूचियों में सुधार और अपडेट सुरक्षित ढंग से किया जा रहा है।

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क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की हो रही कोशिश

राज ठाकरे ने आरोप लगाया, ‘‘क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। मुझे पता चला है कि आगामी चुनावों के लिए महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं।’’

क्या देश में इस तरह चुनाव होंगे?

ठाकरे ने दावा किया कि मुंबई में 8 से 10 लाख और ठाणे, पुणे और नासिक में 8 से 8.5 लाख फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं। राज ठाकरे ने कहा, ‘‘उन्होंने हर गांव और शहर में ऐसा किया है। क्या देश में इस तरह चुनाव होंगे? अगर इस तरह चुनाव होते हैं, तो यह महाराष्ट्र और देश के मतदाताओं का अपमान है।’’

ठाकरे ने कहा कि जब विपक्ष चुनाव आयोग पर हमला करता है तो सत्तारूढ़ दल परेशान हो जाते हैं क्योंकि इससे उन्हें ठेस पहुंचती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची को शुद्ध करने से पहले यह दिखाना चाहिए कि वह स्थानीय निकाय चुनाव कैसे कराता है। अगर चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने हैं, तो पहले मतदाता सूची को शुद्ध करें।’’

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मैच फिक्स हो चुका है, यह कैसा लोकतंत्र है?

ठाकरे ने कहा, “आप वोट डालें या न डालें, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। मैच फिक्स हो चुका है। यह कैसा लोकतंत्र है?” चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए उनका मजाक उड़ाने वालों पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि अगर मतदान गणित से ही “समझौता” हो गया है तो उनकी पार्टी के विधायक और सांसद कैसे होंगे। पिछले साल विधानसभा चुनाव में ठाकरे की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

ठाकरे ने यह भी दावा किया कि भारत के पहले गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल ने ही सबसे पहले मुंबई का विलय महाराष्ट्र के साथ करने का विरोध किया था।

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