महाराष्ट्र के जलगांव में हुई घटना सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। दरअसल 24 वर्षीय एक महिला को स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए सही समय पर एंबुलेंस नहीं मिली, जिस वजह से महिला को सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता प्रतिभा शिंदे ने दावा किया कि बच्चे का जन्म सड़क के राहगीरों द्वारा कराया गया, जबकि जिला कलेक्टर आयुष प्रसाद ने कहा कि एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और दाई ने बच्चे का जन्म कराया।
बीते 21 मई को जलगांव के दूरदराज इलाके में रहने वाली संताबाई बरेला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। जिसके बाद बरेला के पति विश्वनाथ उसे बाइक से ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गया, क्योंकि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। इस मामले को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाओं को सड़क किनारे देखा जा सकता है। वीडियो में दो अन्य महिलाएं कंबल के पीछे संताबाई बरेला के बच्चे को जन्म देने में मदद करती नजर आ रही हैं।
स्वास्थ्य केंद्र से 1.5 किमी दूर दिया बच्चे को जन्म
संताबाई जब स्वास्थ्य केंद्र से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर थीं, तभी उनका दर्द बहुत तेज हो गया। स्थिति ऐसी बनी कि उन्हें वहीं सड़क पर ही प्रसव कराना पड़ा। वीडियो में संताबाई के पति विश्वनाथ ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 30 मिनट से ज्यादा का समय हो गया लेकिन अभी तक कोई भी मदद के लिए नहीं आया।
इस वीडियो को लेकर जिला कलेक्टर से पूछने पर उन्होंने कहा कि बरेला की मदद करने वाली महिलाएं दाई और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं। हालांकि कलेक्टर ने इस बात को स्वीकार किया कि बरेला का प्रसव सड़क किनारे ही कराया गया। कलेक्टर ने इस मामले में कहा कि इस बात की जानकारी स्थानीय लोगों ने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को दी, जिसके बाद एक एंबुलेंस भेजकर संताबाई और नवजात शिशु को केंद्र तक पहुंचाया गया।
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