Maharashtra Government Formation: महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी को सबसे बड़े दल के रूप में राज्य में नई सरकार बनाने के न्योता दिया है और 11 नवंबर तक सदन में बहुमत साबित करने को कहा है। ऐसे में दो दिनों के अंदर सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा, उसके बाद महाराष्ट्र विधान सभा में नए सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। प्रोटेम स्पीकर के चुनाव के बाद सीएम फडणवीस को सदन में बहुमत हासिल करना होगा। शिव सेना के रुख को देखते हुए अंदेशा जताया जा रहा है कि शिवसेना अपने पुराने रुख पर कायम रहेगी। अगर ऐसा होता है तो देवेंद्र फडणवीस के लिए सरकार बचा पाना मुश्किल होगा। भाजपा 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर रहेगी।

फडणवीस सरकार के गिरने की सूरत में गवर्नर या तो दूसरे सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का निमंत्रण दे सकते हैं या फिर राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकते हैं। राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के साथ गवर्नर विधान सभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की भी सिफारिश कर सकते हैं लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए ऐसा नहीं प्रतीत होता है। ऐसी सूरत में बीजेपी राष्ट्रपति शासन के जरिए राज्य में शासन करेगी।

हालांकि, शिव सेना इसका विरोध कर चुकी है। शिव सेना ने अयोध्या पर फैसला आने के बाद राज्य में सरकार गठन के भी संकेत दिए हैं। पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट किया, “पहले मंदिर फिर सरकार!!! अयोध्या में मंदिर, महाराष्ट्र मे सरकार… जय श्रीराम!!!” शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी फैसले पर खुशी जताते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात करने की बात कही है। अगर उद्धव की आडवाणी से मुलाकात होती है तो चुनाव नतीजों के बाद पहली बार ठाकरे किसी बीजेपी नेता से मिलेंगे। ऐसे में अगर कोई सियासी संभावना बनती है तो फडणवीस सरकार के बचने के आसार बन सकते हैं।

बीजेपी और शिवसेना की राहें जुदा हो जाने और गवर्नर द्वारा शिवसेना को सरकार गठन का न्योता मिलने की सूरत में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना को समर्थन दे सकती है। यूपीए के नेता पहले भी इस बात के संकेत दे चुके हैं कि शिवसेना अगर प्रस्ताव लेकर आती है तो वो इस पर विचार करेंगे। बता दें कि संजय राउत ने इस बीच दो बार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की है। कांग्रेस और एनसीपी के नेता महाराष्ट्र को संवैधानिक संकट से बचाने की भी बात कह चुके हैं।

बता दें कि 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। 288 सदस्यीय विधान सभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है। 2014 में सभी दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बाद में शिव सेना ने बीजेपी को समर्थन दिया था। इस बार शिवसेना ढाई साल के लिए सीएम पद की मांग बीजेपी से कर रही है लेकिन बीजेपी इससे इनकार कर रही है।