Maharashtra Government Formation Today Live News Updates: मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में आज शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी विधायक इकट्ठा हुए और इस दौरान इन विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए पार्टी के प्रति ईमानदार रहने और भाजपा का समर्थन ना करने की कसम खायी। इस कार्यक्रम के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा के पास अभी भी अपना सम्मान बचाने का मौका है। तोड़-फोड़ पर अगर उतर आयी बीजेपी तो हम भी उसका जवाब देंगे। अजित पवार हमारी पार्टी का हिस्सा हैं, वह पवार परिवार का हिस्सा हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि वह एनसीपी में वापस आ जाएं और अपनी गलती स्वीकार कर लें।
विधायकों को शपथ दिलाने से पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में बिना बहुमत के सरकार बनायी गई है। कर्नाटक, गोवा, मणिपुर में भी भाजपा ने बिना बहुमत के सरकार बनायी। शरद पवार ने कहा कि हमें बहुमत साबित करने में कोई परेशानी नहीं होगी। जो लोग पार्टी से बर्खास्त हैं, वह कोई आदेश नहीं दे सकते। फ्लोर टेस्ट के दिन मैं 162 से ज्यादा विधायकों के साथ आऊंगा। यह गोवा नहीं है, यह महाराष्ट्र है।
शक्ति प्रदर्शन के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों ने होटल ग्रैंड हयात में एक साथ शपथ ली। इस दौरान शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के एकजुट होने की बात कही है। संजय राउत बोले- हम सब साथ हैं, हमारे 162 विधायक आज पहली बार होटल ग्रैंड हयात में शाम 7 बजे साथ आ रहे हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल खुद आकर देख लें।
Highlights
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे अपना आदेश सुनाएगा। न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने सोमवार को देवेंद्र फडणवीस को सदन में अपना बहुमत सिद्ध करने का आदेश देने का अनुरोध किया, लेकिन फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इसका विरोध किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अजित पवार के भाजपा के साथ जाने और उप मुख्यमंत्री बनने के निर्णय के पीछे वह नहीं थे और एक बार बाकी पेज 8 पर फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। सतारा जिले के कराड में पवार ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है। पवार ने कहा, ‘यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।’ राज्य में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना के सरकार गठन करने के फैसले पर पवार ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे।’ राज्य में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना की सरकार बनने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि (गठबंधन) महाराष्ट्र में सरकार बनाएगा।’
विपक्षी दलों की ओर यहां होटल के समक्ष विधायकों की अभूतपूर्व सार्वजनिक परेड कराकर 162 विधायकों के समर्थन का दावा करने के कुछ मिनटों बाद ही उन्होंने कहा कि विधानसभा में होने वाले विश्वासमत से इसकी बराबरी नहीं की जा सकती है। पूर्व मंत्री ने कहा कि पहचान परेड गवाहों के लिए होती है जिसमें वे अपराधियों की पहचान करते हैं। शेलार ने कहा, ‘‘ हम विधानसभा के पटल पर जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। होटल में इस तरह की परेड सदन में बहुमत साबित करने में सहायक नहीं होगी।’’ शेलार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे एवं विधायक आदित्य ठाकरे के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पर शपथ लेने पर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना नेताओं ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। यह दिखाता है कि उनका हिन्दुत्व कितना खोखला है।’’ शेलार ने शक्ति प्रदर्शन के दौरान 162 विधायकों की मौजूदगी पर भी आशंका जताई। उन्होंने कहा, ‘‘ आपकी अपनी तस्वीर हो सकती है, ताकत दिखाने के लिए आपके अपने फोटोग्राफर हो सकते हैं लेकिन वह भाजपा है जो अंतिम समय में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में जीत दर्ज करेगी।
भाजपा ने शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस के विधायकों की यहां परेड कराकर किए गए संयुक्त शक्ति प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि विधानसभा के पटल पर उनकी पार्टी ही आखिरी जीत दर्ज करेगी। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)- कांग्रेस की ‘पहचान परेड’ की आलोचना करते हुए इसे राज्य के लोगों और लोकतंत्र के साथ क्रूर मजाक करार दिया।
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने होटल ग्रैंड हयात में कहा कि वह पार्टी चीफ अखिलेश यादव की मंजूरी मिलने के बाद यहां आए हैं। मैंने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन को समर्थन पत्र दे दिया है।
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस विधायकों ने शपथ लेते हुए कहा कि "मैं शपथ लेता हूं कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और सोनिया गांधी के नेतृत्व में मैं मेरी पार्टी के प्रति ईमानदार नहीं रहूंगा। मैं किसी तरह के लालच में नहीं आऊंगा। मैं ऐसा कुछ नहीं करुंगा, जिससे भाजपा को फायदा मिले।"
होटल ग्रैंड हयात के अंदर की तस्वीरें
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस मुंबई में वर्ल्ड बैंक की टीम के साथ क्लाइमेट, बाढ़-सूखा मैनेजमेंट के मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं। इस बैठक की जो तस्वीर सामने आयी है, उसमें सीएम के बराबर में डिप्टी सीएम की कुर्सी खाली है। डिप्टी सीएम अजित पवार इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।
शरद पवार होटल ग्रैंड हयात पहुंचे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय से बताया गया है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र आकस्मिक निधि में से 5380 करोड़ रुपए किसानों को दिए हैं। यह फंड भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए दिया गया है।
महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को जल्द ही फ्लोर टेस्ट का सामना करना है। कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा बहुमत जुटाने के लिए राज्य में 'ऑपरेशन कमल' चला रही है। हालांकि अब पार्टी ने इससे इंकार कर दिया है। भाजपा नेता रावसाहब पाटिल दानवे ने कहा कि कोई ऑपरेशन लोटस नहीं है। हमारे पास पर्याप्त विधायकों का बहुमत है। हम किसी विधायक को लेकर चिंतित नहीं है। संजय राउत के आरोप गलत हैं, कुछ दिन बाद वह उन्हें किसी मेंटल हॉस्पिटल भेजना होगा।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते सोमवार को सोमवार को लोकसभा की कार्रवाई दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाये। इसके बाद उन्होंने जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कार्यसूची में 11वें नंबर पर अंकित विधेयक पेश करने को कहा, विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर महाराष्ट्र के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर लहराने लगे। शोर-शराबा करने वालों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल थे।
महाराष्ट्र मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को संसद के भीतर एवं बाहर जमकर विरोध किया। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में भाजपा और अजित पवार के मिलकर रातोंरात सरकार बनाने सहित पूरे घटनाक्रम को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया। इस मुद्दे को लेकर जहां कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सोनिया गांधी की अगुवाई में प्रदर्शन किया तो संसद के दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा किया।
एनसीपी की तरफ से अजित पवार को मनाने की कोशिशें जारी हैं। एनसीपी के विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने बताया है कि हमारी अजित पवार एक बार बातचीत हुई थी, उम्मीद है कि उनके साथ जल्द ही एक और बैठक भी होगी।
एनसीपी विधायक अनिल पाटिल, जो कि बीते कुछ दिनों से लापता बताए जा रहे थे, उन्हें आज दिल्ली से मुंबई लाया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने शरद पवार साहब को बताया था कि हम वापस आना चाहते हैं और पार्टी के साथ रहना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने हमें सुनिश्चित किया और हमें वापस लाने का इंतजाम किया। अनिल पाटिल ने ये भी बताया कि जब वह दिल्ली के होटल में पहुंचे थे, तो वहां 100-200 भाजपा कार्यकर्ता और सादी वर्दी में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। हम डर गए थे।
नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा। इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है।’’ इसी बीच स्पीकर बिरला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। सदस्यों के नहीं मानने पर स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। इसके बाद मार्शल इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए पहुंचे तो उनके साथ इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों की धक्कामुक्की हो गयी। इस दौरान भाजपा के कई सदस्य और कांग्रेस के मुख्य सचेतक के. सुरेश बीच-बचाव करते हुए नजर आए। इस बीच, स्पीकर ने मार्शलों को लौटने के लिए कहा।
सुबह 11:34 : केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए भाजपा के पास राकांपा के 54 विधायकों का समर्थन है। उसने शीर्ष अदालत से देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब देने के लिए दो-तीन दिन मांगे।
सुबह 11:23 : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी।
सुबह 11:15 : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य पार्टी के नेताओं ने महाराष्ट्र में राकांपा के साथ सरकार बनाने के भाजपा के कदम के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
सुबह 10:46 : उच्चतम न्यायालय ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ तीनों पार्टियों की याचिका पर विचार करने के लिए सुनवाई शुरू की।
सुबह 10:44: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक ड्रामे और विधायकों के ‘‘खरीद-फरोख्त’’ की आशंका के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अपने विधायक शहर के पांच सितारा रिजॉर्ट से निकाल दो होटल में भेजे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जिसकी संख्या ज्यादा हो उसका ही स्पीकर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पीकर पर फैसला विधासभा की बैठक में होना चाहिए।
मामले की सुनवाई के दौरान एनसीपी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को सुझाया कि वह विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें क्या आदेश देना हैं यह हम पर छोड़ें।
सुनवाई के दौरान एनसीपी की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 154 विधायकों के समर्थन वाला हलफनामा पेश करने का प्रयास किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह हलफनामा स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत का कहना था कि वह इस याचिका का दायरा नहीं बढ़ाना चाहते हैं।
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान एनसीपी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चिट्ठी पर विधायकों के हस्ताक्षर धोखा हैं। उन्होंने कहा कि चिट्ठी पर विधायकों के हस्ताक्षर तो हैं लेकिन विधायक उनके साथ नहीं हैं।
एनसीपी ने शीर्ष अदालत से कहा है कि यदि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं तो इसमें देर क्यों हो रही है। एनसीपी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दलील रखी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष यदि राजी हैं तो फ्लोर टेस्ट में देर नहीं करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिवसेना की तरफ से राज्य में 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की गई। शिवसेना के वकील ने कहा कि अदालत 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश दे।
शिवसेना की तरफ से मौजूद वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल ने रातोंरात राष्ट्रपति को क्या रिपोर्ट भेज था। क्या कोई राष्ट्रीय आपदा थी कि सुबह-सुबह राष्ट्रपति शासन हटाना पड़ा।
कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान सुबह-सुबह राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के फैसले पर सवाल उठाए। सिब्बल ने कहा कि क्या कोई राष्ट्रीय आपदा थी कि सरकार को इस तरह का कदम उठाना पड़ा।
शीर्ष अदालत में अब शिवसेना की तरफ से वकील कपिल सिब्बल अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं।
भाजपा की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा है कि इस मामले में अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है। इससे पहले अजित पवार के वकील ने दलील पेश की थी कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट नहीं बल्कि हाईकोर्ट का है।
अजित पवार के वकील ने अदालत में अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि अजित पवार ही एनसीपी हैं। अजित पवार का दावा है कि वह ही असली एनसीपी हैं।
अदालत में दलील पेश करते हुए अजित पवार के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल की तरफ से दिया गया समर्थन पत्र कानूनी रूप से सही है। उन्होंने कहा कि बाद की पैदा हुई स्थिति पर बहस क्यों हो रही है।
शिवसेना ने सोमवार को भाजपा पर जबरदस्त प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने उद्धव ठाकरे नीत दल के साथ अपनी 25 साल पुरानी मित्रता का सम्मान नहीं किया वह राकांपा नेता अजीत पवार को भी एक ना एक दिन छोड़ देंगे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर भी निशाना साधा गया। इसमें कहा गया है कि बगावत करने वाले नेता असफल रहे हैं और यह बात अगले कुछ दिन में साबित हो जाएगी। पार्टी ने कहा, ‘‘अजित पवार पार्टी कार्यालय से चोरी करके लाए गए हस्ताक्षर किए हुए पत्र राज्यपाल को दिखाते हैं और राज्यपाल उन कागजों पर विश्वास करते हुए फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला देते हैं। ये हेरा-फेरी की पराकाष्ठा है। निर्लज्जता जैसे शब्द का प्रयोग करके हमें इस संस्था का अपमान नहीं करना है।’’ इसमें कहा गया कि ‘अजित पवार को जेल में चक्की पीसने के लिए भेजेंगे’, ऐसा कहनेवाले भक्तगण ‘फडणवीस, अजित पवार आगे बढ़ो’ की नारेबाजी कर रहे हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के विधानसभा की कार्रवाई में दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट फ्लोर टेस्ट की तारीख तय ना करे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने पहले ही 30 नवंबर को फ्लोर टेस्ट की तारीख तय कर रखी है।
इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी, राकांपा और कांग्रेस के नेता राज्य में सरकार गठन के लिए अपना पक्ष रखने के लिए सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए राउत ने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास सदन में बहुमत साबित करने के लिए अपने सभी विधायकों के हस्ताक्षर हैं जिसे वे उच्चतम न्यायालय में सौपेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ही इकलौता संस्थान है जिस पर अब भी हमारा भरोसा बचा है।’’राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘‘बहुमत के बिना’’ राज्य में सरकार बनाने के लिए ‘‘चंबल के डाकुओं’’ के जैसा काम किया। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेता सरकार गठन के लिए अपना पक्ष रखने के लिए आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। जब भी विधानसभा में शक्ति परीक्षण होगा तो शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास भाजपा से कम से कम 10 विधायक अधिक होंगे।’’
तुषार मेहता के बाद मुकुल रोहतगी ने देवेंद्र फडणवीस का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व सहयोगी रही पार्टियां अब एक दूसरे की विरोधी हो गई हैं। वहीं, एनसीपी पर कहा, 'यह एक पारिवारिक झगड़ा है, एक पवार हमारे साथ हैं, दूसरे पवार उनके साथ, लेकिन मैं गवर्नर के पास 170 विधायकों के समर्थन के साथ गया।' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रविवार को कहा था कि वह सोमवार को राज्यपाल का पत्र अदालत को सौंपे जिसमें देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। साथ ही अदालत ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह भाजपा नेता द्वारा राज्य में सरकार बनाने के लिए किए गए दावे का पत्र भी अदालत के समक्ष पेश करे।
समर्थन की चिट्ठी पर गवर्नर को शक क्यों नहीं हुआ, इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब पार्टियां और राजनेता लगातार अपना रुख बदल रही हैं, ऐसे में गवर्नर को कैसे पता लगेगा कि भविष्य में क्या होने वाला है?
मेहता ने बताया कि 22 नवंबर को अजीत वार का लेटर मिलने के बाद फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा किया। उनके पास 11 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था। इसके बाद गवर्नर ने प्रेसिडेंट को चिट्ठी लिखी और प्रेसिडेंट रूल हटाने के लिए कहा।
तुषार मेहता ने जज से कहा कि आपने हॉर्स ट्रेडिंग के बारे में सुना होगा लेकिन यह एक ऐसा मामला है जहां पूरा का पूरा अस्तबल ही चोरी हो गया। कोर्ट में अजीत पवार की चिट्ठी पढ़ी गई।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की शुरुआत की। उन्होंने पूडा कि क्या जुडिशरी सरकार के फैसले का रिव्यू कर सकती है। मेहता ने कहा कि गवर्नर ने 24 अक्टूबर से लेकर 9 नवंबर तक इंतजार किया लेकिन कोई सरकार बनाने के लिए सामने नहीं आया। इसके बाद, सबको मौका दिया गया, लेकिन सरकार नहीं बनी तो राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
उधर, दक्षिण मुंबई स्थित अपने घर में रविवार को पूरा दिन बिताने वाले राकांपा नेता और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बंद कमरे में मुलाकात की। इससे पहले आज दिन में उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना की संयुक्त याचिका पर केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस और अजित पवार को नोटिस जारी किया था। इस याचिका में भाजपा को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करने के राज्यपाल के 23 नवंबर के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल, विनोद तावड़े और गिरीश महाजन शामिल थे।
कांग्रेस सोमवार को संसद में महाराष्ट्र के मुद्दे को उठाने की तैयारी में है और इसी संदर्भ में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं ने लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव दे रखा है। उन्होंने बताया कि सोनिया के आवास पर इसी मुद्दे को लेकर बैठक हुई जिसमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी । इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा अपने अपने विधायकों को मुंबई के अलग अलग होटलों में रखा है । भाजपा की सरकार बनने को लेकर इन तीनों पार्टियों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है।