शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के वर्तमान सियासी उठा-पटक से सकते में आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायकों को आधार कार्ड और PAN के साथ अपने पास बुलाया है। इस बात से खुद शिवसेना के विधायकों में भी सस्पेंस का माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि सरकार बनने में देरी की वजह से शिवसेना के खेमें में सबसे ज्यादा खलबली है। ऐसे हालात में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को दोबारा अज्ञात जगह पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

दूसरी तरफ एनसपी प्रमुख शरद पवार की स्थिति के आगे कांग्रेस सियासी परिस्थितयों को परखने के बाद ही आगे कदम बढ़ा रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस शिवसेना-एनसीपी के गठबंधन को बाहर से समर्थन देना चाहती है, जबकि पवार का कहना है कि जब तक कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं होगी, वह सरकार नहीं बनाएंगे। ऐसी स्थिति को शिवसेना भी इस स्टैंड को संदिग्ध नजरिए से देख रही है।

टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के मुताबिक शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने शरद पवार के स्टैंड पर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि पवार ऐसा क्यों कह रहे हैं कि कांग्रेस और एनसीपी एकजुट हैं। इसका तात्पर्य है कि वे बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना के खिलाफ भी अपनी बात कह रहे हैं।

उधर, एनसीपी और कांग्रेस के रुख को देखते हुए शिवसेना ने 22 नवंबर को अपने सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है। शिवसेना के एक नेता ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक को संबोधित करेंगे, जिसमें राज्य में सरकार गठन को लेकर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिये जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई।