Maharashtra Government: महाराष्ट्र में रातोंरात शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस (Shiv Sena, NCP, Congress) की तिकड़ी को चुनौती देकर बीजेपी ने सरकार तो बना ली है, लेकिन अग्निपरीक्षा अभी बाकी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadanvis) को गवर्नर ने फ्लोर टेस्ट (Floor Test) के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया है, लेकिन तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती देते हुए 24 घंटों के अंदर बहुमत साबित करने की चुनौती दी है। राज्य की सियासत दिलचस्प मोड़ पर है, ऐसे में बहुमत के लिए निर्दलीय विधायकों और छोटे दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है।

बहुमत के लिए न्यूनतम 145 विधायक जरूरीः 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी के पास अपने 105 विधायकों के अलावा अजित पवार के साथ आए कुछ एनसीपी विधायकों का समर्थन है, हालांकि इनकी भी सदस्यता खतरे में है। राज्य में बहुमत के लिए न्यूनतम 145 विधायकों की जरूरत है, ऐसे में बीजेपी के लिए 40 विधायकों का बंदोबस्त बड़ी चुनौती है। राज्य में शिवसेना के पास 56, जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। एनसीपी के संख्याबल पर स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि कुल 54 विजेता विधायक दो खेमों में बंट चुके हैं। बड़े दलों के पास कुल मिलाकर 259 विधायक हैं, बाकि 29 विधायकों में कई निर्दलीय और छोटे दलों के विधायक हैं।

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यह है बचे हुए 29 विधायकों की स्थितिः बचे हुए 29 विधायकों में से 13 निर्दलीय हैं। बचे 16 में से दो विधायक असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) की AIMIM और समाजवादी पार्टी के पास 2-2 विधायक हैं, जबकि सीपीएम और राज ठाकरे (Raj Thackeray) की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के पास एक-एक विधायक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 11 निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं। इनके अलावा बहुजन विकास अघाड़ी (3 विधायक), पीडब्ल्यू-जन सुराज्य शक्ति और युवा स्वाभिमान पार्टी के एक-एक विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे चुके हैं। वहीं चुनाव पूर्व बीजेपी से गठबंधन करने वाली राष्ट्रीय समाज पक्ष के पास एक विधायक है। बीजेपी के पास 123 विधायकों का समर्थन होने की बात सामने आ रही है।

बीजेपी को दूर रखने के लिए सपा-शिवसेना साथः कश्मकश की स्थिति में सपा, सीपीएम और ओवैसी का समर्थन दोनों खेमों के लिए बेहद अहम होगा। सपा के प्रदेश प्रमुख अबु आजमी ने कहा है, ‘हमारा मकसद बीजेपी को सत्ता से दूर रखना है, इसीलिए शिवसेना को समर्थन दिया है।’ ओवैसी दोनों खेमों से दूर रह सकते हैं। पार्टी के विधायक इम्तियाज जलील ने कहा, ‘चारों दलों ने हमने संपर्क की कोशिश की है।’