महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक फैक्ट्री में आग लगने की घटना सामने आई है। इस अग्निकांड में झुलसने से 6 लोगों की मौत हो गई। आग दस्ताने बनाने वाली फैक्ट्री में लगी थी। जानकारी मिलने पर दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव किया और आग पर काबू पा लिया गया।

छत्रपति संभाजीनगर के वालुज MIDC क्षेत्र में एक फैक्ट्री में आग लग गई। दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं। वालुज एमआईडीसी में हैंड ग्लव्स बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने पर फायर ऑफिसर मोहन मुंगसे ने कहा, ”हमें सुबह 2.15 बजे फोन आया। जब हम मौके पर पहुंचे तो पूरी फैक्ट्री में आग लगी हुई थी। स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि छह लोग अंदर फंसे हुए हैं। छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।”

कुछ मजदूर अंदर फंस गए

मजदूरों ने बताया कि जब आग लगी तो फैक्ट्री बंद थी, अंदर कुछ मजदूर सो रहे थे। एक कर्मचारी ने बताया कि जब आग लगी तो इमारत के अंदर 10-15 कर्मचारी सो रहे थे। कुछ लोग भागने में सफल रहे लेकिन कम से कम पांच अंदर फंस गए।

पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वालुज औद्योगिक क्षेत्र में स्थित ‘सनशाइन एंटरप्राइजेज’ इकाई में देर रात करीब एक बजे आग लग गई। इस दौरान परिसर में 13 कर्मचारी सो रहे थे। अधिकारी ने बताया कि आग लगने की घटना में छह लोगों की मौत हो गई जबकि सात व्यक्ति किसी तरह टीन की छत तोड़कर भाग निकलने में कामयाब रहे।

आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया

पुलिस आयुक्त मनोज लोहिया ने कहा, ‘‘वालुज एमआईडीसी में सूती और चमड़े के दस्ताने बनाने वाली ‘सनशाइन एंटरप्राइजेज’ फैक्टरी में आग लग गई। पुलिस नियंत्रण कक्ष को घटना के बारे में देर रात सवा एक बजे पता चला।’’ उन्होंने कहा कि अग्निशमन दल सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंचा और तड़के करीब साढ़े तीन बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर प्रारंभिक पूछताछ चल रही है। हादसे में झुलसे कुछ श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है।

जिला संरक्षण मंत्री संदीपान भुमरे ने रविवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि श्रमिक कारखाने में ऊपर रह रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थान आवासीय नहीं औद्योगिक इस्तेमाल के लिए है लेकिन दुर्भाग्यवश श्रमिक यहां रह रहे थे। इलेक्ट्रशियन को पूछताछ के लिए बुलाया गया है और आग लगने के कारण का पता लगाया जाएगा।” कारखाने से जान बचाकर निकले श्रमिक अली अकबर ने कहा, ‘‘काम खत्म हो गया था और हम सब सो गए थे। कुछ देर बाद हमें गर्मी महसूस हुई और हमने आग लगी हुई देखी। हम छत पर चले गए और वहां से पेड़ की मदद से नीचे उतरे।” सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।