महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं आ सका है। संभावना यह है कि एकनाथ शिंदे अब लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं और BJP का पास CM पद पर बैठने का मौका ज़्यादा है। इस तरह की चर्चाओं के बीच में शिवसेना (शिंदे) नेताओं ने कथित तौर पर एकनाथ शिंदे को कह दिया है कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्री पद स्वीकार नहीं करना चाहिए।

शिवसेना प्रवक्ता विधायक संजय शिरसाट ने शुक्रवार सुबह मराठी समाचार चैनल एबीपी माझा से कहा, “हम नहीं चाहते कि हमारे पार्टी प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्रालय स्वीकार करें। उन्हें केंद्र में नहीं जाना चाहिए। हालांकि, उन्हें कौन सा पद स्वीकार करना चाहिए या कौन सा नहीं, यह उन्हें ही तय करना है। हम उन्हें सलाह नहीं देना चाहेंगे।”

क्या अब भी शिंदे के CM बनने की संभावना है?

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना अब भी शिंदे के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद करती है? संजय शिरसाट ने कहा, “एकनाथ शिंदे ने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा नेतृत्व को इस संबंध में निर्णय लेना चाहिए और उनकी ओर से कोई बाधा नहीं आएगी। हम किसी बात पर जोर नहीं दे रहे हैं। हमने कोई मांग नहीं की है। जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह हमें स्वीकार्य होगा।”

संजय शिरसाट ने कहा कि जब तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं कर देते, तब तक किसी भी नाम को अंतिम नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा, “हम यह भी जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा। महायुति से जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, वह हमें स्वीकार्य होगा। हमारी तरफ से कोई भ्रम नहीं है।” उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट मंत्री 2 दिसंबर को शपथ लेंगे।

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राज्य में महायुति की भारी जीत के बाद शिवसेना ने गृह मंत्रालय मांगा है और उसे उपमुख्यमंत्री का पद मिलने की संभावना है। हालांकि शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे जो कि लोकसभा सांसद हैं का नाम इस पद के लिए चर्चा में है, लेकिन शिवसेना का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है और कह रहा है कि ऐसा लगेगा कि पार्टी वंशवाद को बढ़ावा दे रही है। शिवसेना नेताओं ने कथित तौर पर कहा है कि श्रीकांत को उपमुख्यमंत्री पद पर पदोन्नत करना उचित नहीं होगा, जबकि पार्टी नियमित रूप से शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति के लिए कटाक्ष करती रही है।

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