महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में एनसीपी के अजित पवार गुट के आ जाने से विभागों के बंटवारे में पेंच फंस गया है। इससे कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पा रहा है। इस विस्तार में सबसे बड़ी अड़चन विभाग को लेकर है। सोमवार की रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस और अजित पवार के बीच लंबी बातचीत हुई। सीएम शिंदे पर कैबिनेट विस्तार के लिए दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
पवार गृह, वित्त या शहरी विकास में से किसी एक विभाग को चाहते हैं
मीडिया सूत्रों के मुताबिक अजित पवार की मांग गृह, वित्त या शहरी विकास में से किसी एक विभाग की है। अपने सहयोगियों के लिए भी पवार ने सिंचाई, ग्रामीण विकास, पर्यटन, सामाजिक न्याय, महिला एवं बाल विकास और उत्पाद शुल्क आदि विभागों की मांग की है।
पिछले महा विकास अघाड़ी सरकार में भी पवार वित्त मंत्री थे
पवार सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में वित्त मंत्री थे। डिप्टी सीएम भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस अजित पवार को गृह विभाग देने को तैयार नहीं हैं। इसी तरह सीएम शिंदे शहरी विकास विभाग भी खुद नहीं छोड़ना चाहते हैं। शिंदे सरकार अजित पवार को राजस्व या ऊर्जा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग देने को इच्छुक है। फिलहाल ये दोनों विभाग भाजपा के पास हैं।
भले ही भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक कैबिनेट विस्तार का इंतजार कर रहे हैं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सूत्रों को उम्मीद है कि पार्टी को एक और कैबिनेट मंत्री और तीन राज्य मंत्री पद मिल सकता है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत कुल 43 मंत्री हो सकते हैं। अब तक, सीएम सहित मंत्रियों की कुल संख्या 29 है और 14 और मंत्री शपथ ले सकते हैं। अजीत पवार खेमे के शामिल होने के बाद, भाजपा और सेना में मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे विधायकों में असंतोष साफ दिख रहा है।
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “पहले से चर्चा किए गए फॉर्मूले के अनुसार, एनसीपी को चार और मंत्री पद मिलने तय हैं। इसमें एक को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा जबकि तीन अन्य राज्य मंत्री होंगे।” एनसीपी के लिए 14 में से चार मंत्री पद का मतलब यह भी होगा कि भाजपा और सेना को पांच-पांच पर संतोष करना होगा।