महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार ने सूबे के सभी जूनियर कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे उनकी प्रमुख सरकारी योजनाओं पर भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाएं। प्रदेश के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से इस संबंध में 24 जुलाई को आदेश जारी किए गए थे। इसमें महाराष्ट्र के सभी 7100 जूनियर कॉलेजों से कहा गया है कि वे ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाएं।

योजना के मुताबिक, हर कॉलेज के तीन बेहतरीन वक्ता तालुका स्तर पर होने पर इंटर कॉलेज प्रतियोगिता के लिए क्वॉलिफाई करेंगे। इसके बाद, वे आगे बढ़ते हुए जिला स्तर और राज्य स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। इन प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सरकार ने 1.31 करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान किया है।

स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने कहा है कि सरकार की इस पहल का मकसद युवाओं के अंदर लीडरशिप क्वॉलिटी को बढ़ावा देना है। हालांकि, विपक्ष ने इस कवायद पर सवाल उठाए हैं। सरकारी आदेश की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस कैंपेन कमेटी के प्रमुख नाना पटोले ने कहा, ‘यह युवा स्टूडेंट्स और उनके घरवालों को अपने राजनीतिक अभियान से जोड़ने के लिए बीजेपी और आरएसएस की साजिश है। इस मकसद को हासिल करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह निम्नतम स्तर की राजनीति है।’

सरकारी आदेश के मुताबिक, यह प्रतियोगिता 1 से 30 अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी। कांग्रेस का आरोप है कि चुनावी आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए सत्ताधारी बीजेपी ने यह योजना तैयार की है। पटोले ने कहा, ‘हम गवर्नर से मिलकर उन्हें इस मामले में दखल देने के लिए कहेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि वह इस मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेंगे और सरकार से आदेश वापस लेने के लिए कहेंगे।’

उधर, कांग्रेस नेता संजय लाखे पाटिल ने उन विषयों पर सवाल उठाए, जिनपर प्रतियोगिता के दौरान भाषण देने के लिए कहा गया है। कांग्रेस नेता के मुताबिक, ये विषय किसी तरह से बच्चों के कोर्स से नहीं जुड़े हैं। बता दें कि सरकार ने प्रतियोगिता में जिन सरकारी योजनाओं को विषय के तौर पर चुना है, वे हैं- प्रधानमंत्री जनधन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, निर्मल ग्राम अभियान, श्रमदान, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत आदि। वहीं, प्रदेश के स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर आशीष शेलार ने कहा है कि विपक्ष को इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।