महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के तहत रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। 39 मंत्रियों में 33 को कैबिनेट का दर्जा दिया गया, वहीं बाकियों को राज्य मंत्री बनाया गया। अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नये मंत्रियों को अगले दो-तीन दिनों में विभागों का आवंटन कर दिया जाएगा। नए मंत्रियों में भाजपा के पास सबसे ज्यादा 19 (16 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री) मंत्री हैं।
इन 19 मंत्रियों में पिछली महायुति सरकार के आठ मंत्री भी शामिल हैं। महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा द्वारा चुने गए मंत्रियों से पता चलता है कि पार्टी ने निरंतरता और बदलाव दोनों को चुना है।
पार्टी ने पश्चिमी महाराष्ट्र से आने वाले वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे-पाटिल और चंद्रकांत पाटिल को भी मंत्री बनाए रखा है। पिछली सरकार के कम से कम चार मंत्रियों- सुधीर मुनगंटीवार, सुरेश खाड़े, रवींद्र चव्हाण, विजयकुमार गावित को हटा दिया गया है। सुधीर मुनगंटीवार ने 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की चुनाव घोषणापत्र समिति की अध्यक्षता की थी। कैबिनेट के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग में पार्टी ने क्षेत्रीय और जातिगत संरचना को संतुलित किया।
विदर्भ क्षेत्र से पार्टी के पास तेली समुदाय (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, आदिवासी समुदाय से अशोक उइके और कुनबी समुदाय (ओबीसी) से आकाश फुंडकर हैं।
रवींद्र चव्हाण को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया जा सकता
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी और डोंबिवली से सांसद रवींद्र चव्हाण भी मंत्रिमंडल में जगह बनाने में असफल रहे। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मराठा समुदाय से आने वाले रवींद्र चव्हाण को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बावनकुले को कैबिनेट में जगह मिलने से राज्य भाजपा अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाएगा और इस पद के लिए ऐसे उम्मीदवार की आवश्यकता होगी जो न केवल संगठन को मजबूत करने में मदद कर सके बल्कि भारी बहुमत वाली सरकार के साथ सही समन्वय भी सुनिश्चित कर सके।
पंकजा मुंडे को बनाया गया कैबिनेट मंत्री
132 विधायक होने के बावजूद भाजपा ने राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे को कैबिनेट मंत्री बनाया है। वह राज्य विधान परिषद (एमएलसी) से कैबिनेट में जगह बनाने वाली एकमात्र सदस्य हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “पार्टी पंकजा मुंडे को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहती थी ताकि उन्हें और उनके समर्थकों को संतुष्ट किया जा सके जो उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाकर दिल्ली भेजे जाने से नाराज थे।”
मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड से आने वाली पंकजा वंजारी समुदाय (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व करती हैं। दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की तीन बेटियों में सबसे बड़ी पंकजा मुंडे का मंत्रिमंडल में शामिल होना राज्य की राजनीति में उनकी वापसी का संकेत है।
परिणाम देने वालों को मिले इनाम
नंदुरबार से वरिष्ठ आदिवासी नेता विजय कुमार गावित को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, जबकि यवतमाल-वाशिम से युवा नेता अशोक उइके को मौका दिया गया है। इसी तरह, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भुसावल सीट से संजय सावकारे को भी मंत्री पद दिया गया है। भाजपा के एक सूत्र ने बताया, “उम्मीदवारों को उनके संबंधित क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने में उनकी भूमिका सहित विभिन्न कारकों के आधार पर चुना गया। जो लोग लगातार बने रहे और परिणाम दिए उन्हें पुरस्कृत किया गया।”
जामनेर (उत्तर महाराष्ट्र) से वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन ने तीसरी बार कैबिनेट में अपनी जगह बरकरार रखी है। फडणवीस के करीबी महाजन को पार्टी के संकटमोचक के रूप में जाना जाता है। नवी मुंबई में ओबीसी समुदाय से आने वाले गणेश नाइक और सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी में मराठा समुदाय से आने वाले नितेश राणे को मंत्रिमंडल में जगह देकर भाजपा शिवसेना-यूबीटी के गढ़ में गहरी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। पढ़ें- Maharashtra Cabinet Ministers: कुछ ऐसा दिख रहा फडणवीस का मंत्रिमंडल