महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर एक बस में आग लगने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मुख्यमत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने शनिवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है।

शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को बुलढाणा में बस हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति शोक व्यक्त किया साथ ही राज्य की शिंदे सरकार पर समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि बुलढाणा में हुई इस दुर्घटना से सरकार की आंखें खुल जानी चाहिए क्योंकि पिछले साल से जब से ये एक्सप्रेस-वे खुला है तब से 300 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

सरकार ने हादसों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया- उद्धव ठाकरे

बुलढाणा दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए ठाकरे ने एक बयान में कहा कि बीते एक साल में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पर सरकार ने इन हादसों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। उम्मीद है कि बुलढाणा हादसे से सरकार की आंखें खुलेंगी।

Buldhana Accident: घटनास्थल पर पहुंचे सीएम शिंदे और देवेंद्र फडणवीस

वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने बुलढाणा जिले में हुई बस दुर्घटना को गंभीरता से लिया है। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किये जाएंगे। सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुलढाणा जिले के पिंपलखुटा गांव का दौरा किया, जहां शुक्रवार देर रात दुर्घटना हुई थी। उन्होंने पुलिसकर्मियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों और अधिकारियों को दुर्घटना के संबंध में जानकारी देने वाले स्थानीय निवासियों से बातचीत की।

CM शिंदे ने कहा कि सभी वाहन चालकों को गति सीमा से संबंधित नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर अब तक ज्यादातर हादसे मानवीय गलतियों के कारण हुए हैं। हालांकि, सरकार ने इस दुर्घटना को गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि दुर्घटनाएं न हों।’’ उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी।