Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरे ‘अमृत स्नान’ के लिए संगम पर उमड़ी भारी भीड़ के कारण मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इसमें कई लोगों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। प्रशासन की तरफ से मौत और घायल लोगों की संख्या की कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला किया गया है। पीएम मोदी ने सीएम योगी से फोन पर बात की। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली।
अफवाह के चलते संगम नोज पर मची भगदड़
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके को आम लोगों की एंट्री बंद कर दी। प्रयागराज में भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर की सीमा वाले सभी जिलों में अधिकारियों को श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मुस्तैद कर दिया गया है।
सड़क से लेकर ट्रेन तक ठसाठस भरे श्रद्धालु
महंत हरि गिरी ने श्रद्धालुओं से की अपील
अखाड़ा परिषद के महासचिव और जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जहां भी हों, वहीं गंगा नदी में स्नान करें और घर लौट आएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और उन्हें तत्काल राहत उपाय करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने मेला परिसर के अंदर अन्य जगहों पर ऐसी ही स्थिति से बचने के लिए पंटून पुलों को बंद कर दिया। त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेष स्नान तिथियों जैसे मौनी अमावस्या पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष मिलता है। दूसरे अमृत स्नान से एक दिन पहले ही करीब पांच करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच चुके थे, जबकि उस दिन भीड़ 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान था।