प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आस्था और आध्यात्मिकता से भरा आयोजन अपने चरम पर है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने अपने मंत्रिमंडल और परिवार के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर आध्यात्मिकता का अनुभव किया।

माणिक साहा ने मां गंगा से की समृद्धि की प्रार्थना

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने अपने परिवार के साथ संगम में स्नान कर इस पवित्र अवसर का लाभ उठाया। स्नान के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आज महाकुंभ, प्रयागराज में स्नान करने का सौभाग्य मिला। पवित्र जल, दिव्य ऊर्जा और आध्यात्मिक माहौल ने इसे अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।”

मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि संगम स्नान केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने त्रिपुरा की शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। संगम तट पर पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस किया।

छत्तीसगढ़ की सरकार ने जताया आभार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने मंत्रिमंडल, राज्यपाल रमेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और सांसदों-विधायकों के साथ प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री साय ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आज तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए डुबकी लगाई एवं स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। महाकुंभ सनातन धर्म की दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का महापर्व है, जहां आस्था आत्मा को ब्रह्म से जोड़ती है।”

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मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नी, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और उनकी पत्नी ने भी विधि-विधान से मां गंगा की पूजा-अर्चना की। छत्तीसगढ़ सरकार ने कुंभ में अपने श्रद्धालुओं के लिए विशेष मंडप की व्यवस्था की है, जहां मुफ्त भोजन और आवास की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष को इस पावन आयोजन में आमंत्रण देने के लिए धन्यवाद दिया।

महाकुंभ के इस भव्य आयोजन में देशभर के राजनीतिक नेता भी हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी संगम स्नान किया था। त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों का यह आध्यात्मिक दौरा महाकुंभ के महत्व को और भी बढ़ा रहा है, जहां भारतीय संस्कृति, सनातन परंपरा और भक्ति की अनूठी झलक देखने को मिल रही है।

महाकुंभ न केवल आस्था का संगम है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का भी प्रतीक बनता जा रहा है।