मध्य प्रदेश में दोबारा सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते मंगलवार को कई अहम फैसले लिए। शिवराज सिंह ने निगम आयोग के सभी राजनीतिक मनोनयन निरस्त कर दिये। उन्होंने राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा को हटा दिया। यह दोनों महिला अधिकारी उस वक्त सुर्खियों में आई थीं जब राजगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं से इनकी झड़प हो गई थी।
क्या है मामला: दरअसल, राजगढ़ जिले के ब्यावरा में 19 जनवरी को CAA के समर्थन में तिरंगा रैली निकाली गई थी। इस दौरान एक बीजेपी कार्यकर्ता को कलेक्टर निधि निवेदिता ने थप्पड़ जड़ दिया था। लोगों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो हुआ था। वहीं, डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा की भी प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई थी। निवेदिता ने पुलिस महकमे के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को भी थप्पड़ मार दिया। घटना के बाबत जांच में यह शिकायत सही पाई गई थी।
पुलिस का कहना था कि इलाके में धारा 144 लागू थी और रैली निकालने की अनुमति नहीं थी इसके बावजूद बीजेपी स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली थी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान निधि निवेदिता ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों के कपड़े फाड़ रहे थे और उनके बाल खींच रहे थे। वो लोग कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे। उन लोगों ने एसडीएम और अन्य अधिकारियों के साथ भी बदसलूकी की थी।