हमारे देश में गाय के नाम पर हिंसा की कई घटनाएं घट चुकी हैं। ऐसे में देश के बहुसंख्यक वर्ग की भावनाओं का ख्याल रखने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के एक मदरसे ने अच्छी पहल की है। दरअसल इस मदरसे में छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ गायों की देखभाल करना भी सिखाया जा रहा है। बता दें कि यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक स्थित तूमरा गांव में दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा में परिसर के अंदर ही एक गौशाला बनायी गई है। आज तक की एक खबर के अनुसार, इस गौशाला में 25 गाय और भैंसे हैं।

खबर के अनुसार, मदरसे में 200 के करीब बच्चे पढ़ते हैं और वही समय-समय पर गायों और भैंसों की देखभाल और उनके चारे की व्यवस्था करते हैं। मदरसे के छात्रों के दिन की शुरुआत सुबह में अपनी इस्लामिक शिक्षा के साथ होती है। इसके बाद मदरसे में हिंदी और इंग्लिश की कक्षाएं भी चलती हैं।

मदरसे के छात्र ही गायों से दूध निकालने का काम करते हैं। बाद में ये दूध मदरसे के छात्रों को पीने के लिए मिलता है। इसके साथ ही मदरसे के छात्रों के मन में पशुओं के प्रति दयाभाव और अपनापन पैदा करना भी इस पूरी कवायद का उद्देश्य है। दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा के सचिव सूफी मुशाहिद उज जमान खान चिश्ती का कहना है कि इस मदरसे के संस्थापकों ने ही इस गौशाला का निर्माण कराया था और गायों को मदरसे में लेकर आए थे। गाय का दूध बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।

मदरसा सचिव ने बताया कि मदरसे के छात्रों को इस्लामिक शिक्षाओं के साथ ही देशभक्ति का पाठ भी पढ़ाया जाता है। बता दें कि देश के कई राज्यों में गोहत्या और गोतस्करी पर प्रतिबंध है। हिंदू धर्म में गायों को धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा माना जाता है, इसलिए हिन्दू गायों को पवित्र मानते हैं। यही वजह है कि बीते दिनों अवैध गोतस्करी के चलते मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आयी थीं। ऐसे में मध्य प्रदेश की यह पहल काफी अच्छी कही जा सकती है।