मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव के बाद हुई हिंसा के चलते इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं गुरुवार को इसमें दो घंटे की ढील दी गई। जिसमें सिर्फ महिलाओं को घर से बाहर निकलने की अनुमति थी। हिंसा प्रभावित इलाके को लेकर प्रशासन का कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में हैं।
खरगोन में हुई हिंसा में कई घरों में लूटपाट की घटना हुई। ऐसे में खरगोन के संजय नगर इलाके में रहने वाले दुर्गेश पवार ने अपनी आप बीती बताई है। एक डिजिटल चैनल से बात करते हुए दुर्गेश ने बताया, “दंगाइयों ने हमारे घर पर आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट की। उनसे जो हो सकता था, वो उन्होंने किया। उस दौरान यहां डर का माहौल था, हम अपने घरों में ताला लगाकर अपनी जान बचाने के लिए भागे।”
दुर्गेश पवार ने बताया, “यह मेरे साथ पहली बार नही हुआ है, इस तरह की घटना मेरे साथ चौथी-पांचवी बार हो चुकी है। अब तो यह स्वाभाविक सा हो गया है कि अगर खरगोन में कहीं कुछ हिंसा होती है तो हमें डर लगा रहता है।” उन्होंने बताया कि 8 मार्च 2020 को और उसके पहले दशहरे के समय में भी हमारे घर को आग लगा दी गई थी। दुर्गेश ने कहा कि साल 92 में हुए दंगों में भी मेरे घर को जलाया गया था।
बता दें कि दहशत के बीच जी रहे दुर्गेश पवार अब संजय नगर इलाके में अपने घर को छोड़कर जाना चाहते हैं। इतनी त्रासदी सहने के बाद अब उन्होंने अपने घर पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। उन्होंने कहा, “अब इस डर के माहौल में हम रह नहीं सकते। मैं नहीं चाहता कि हमारे बच्चों को भी इस तरह से जीना पड़े।”
गौरतलब है कि खरगोन हिंसा को लेकर प्रशासन का कहना है कि इस हिंसा के मामले में अब तक 121 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव और आगजनी की घटनाओं के बाद रविवार शाम को खरगोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
वहीं गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कहा, “प्रदेश सरकार की नजर में सब बराबर हैं किसी भी जाति के हो या किसी भी धर्म के, लेकिन जो बदमाश और गुंडे हैं उनको सरकार नहीं छोड़ेगी। अगर किसी ने दंगा फैलाया तो मैं उसे नहीं छोडूंगा, दंगाईयों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।”