मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामले के बीच कांग्रेस नेता के व्यवहार से दुखी होकर अस्पताल के डॉक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का है. जहां कोरोना की वजह से एक शख्स की मौत हो जाने के बाद कांग्रेस विधायक पी सी शर्मा ने अस्पताल के डॉक्टर को बुरी तरह डांटा। जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर और कोरोना के नोडल ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया। डॉक्टर के साथ हुए इस व्यवहार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हैरानी जताई है।

दरअसल शनिवार को कोलार के रहने वाले तखत सिंह को सांस फूलने की समस्या होेने पर शनिवार दोपहर 12 बजेे के करीब जेपी अस्पताल लाया गया था। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पी सी शर्मा और उनके समर्थक अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल पहुंचने के बाद कांग्रेस नेता ने जे पी अस्पताल के डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव को बुरी तरह से डांटा। साथ ही इस दौरान कांग्रेस नेता के साथ आए उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया।

अपने साथ हुए बर्ताव के बाद डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। योगेंद्र श्रीवास्तव ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैंने बीमार युवक का इलाज पूरे प्रोटोकॉल के साथ किया। लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद मेरे साथ कुछ लोगों ने दुर्व्यवहार किया। मेरे साथ इतना दुर्व्यवहार हुआ है कि मैं रो रहा हूं। बहुत व्यथित हूं। ऐसे मैं काम नहीं कर पाऊंगा। 

वहीं पीसी शर्मा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। पी सी शर्मा ने कहा कि मैंने युवक का हाल जानने के लिए डॉक्टर को फ़ोन किया था। लेकिन डॉक्टर ने फ़ोन नहीं उठाया। जिसके बाद मैं अस्पताल पहुंच गया। साथ ही उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर के साथ बात करने के दौरान मेरे एक समर्थक ने ऊंची आवाज में बात की तो मैंने इसके लिए तुरंत उनसे माफ़ी मांगी।

 

जे पी अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई अभद्रता पर ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि जेपी अस्पताल में हुई  घटनाओं से दिन और रात कार्यरत हमारे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों का मनोबल गिरता है।

साथ ही उन्होंने लिखा कि इस घटना के कारण जेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया है। डॉक्टर्स और वहाँ मौजूद स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया गया जो बेहद ही शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर्स के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।