मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने राज्य में शराबबंदी को लेकर अपना अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने शराब नीति को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है। पत्र में भाजपा की दिग्गज नेता ने मांग की है कि जिन-जिन राज्यों में पार्टी का शासन है, वहां शराब नीति को एक समान रखा जाए।

बता दें कि उमा भारती का पत्र मध्य प्रदेश की शराब नीति के खिलाफ लिखा गया है। इसमें उन्होंने कहा, “एमपी में बनी नई शराब नीति राज्य को सभी मायने में विनाश की तरफ ले जा सकती है। यह राज्य के विकास के दृष्टि से सही नहीं है।” उन्होंने कहा कि शराब बंदी मेरे अहंकार का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के सम्मान सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। यह युवाओं की रोजी रोटी और उनके भविष्य से जुड़ा हुआ सामाजिक मामला है।”

उमा भारती ने पत्र में कहा, “शराबबंदी को लेकर मैंने पहले भी जो मुलाकातें की, उनके बारे में बातों को कभी सार्वजनिक नहीं किया। लेकिन अपने इस मौन के चलते मैं अपना मजाक बनवाया, निंदा, आलोचना की पात्र भी बनी। इसलिए अब मैं आपसे इस विषय को लेकर सार्वजनिक अपील कर रही हूं।”

गौरतलब है कि उमा भारती ने पत्र में शराब नीति में भीड़ को खुले तौर पर शराब पिलाने, धार्मिक शैक्षणिक संस्थाओं से शराब दुकान की दूरी तय करने और शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने का समय तय निश्चित करने जैसी बातों पर अपनी मांग रखी है।

बता दें कि शराबबंदी को उमा भारती इससे पहले भी मुद्दा बनाती रही हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि लोग झुंड बनाकर शराब पीते हैं। प्रशासन इन पर कोई लगाम नहीं लगा रहा। देश में ये कानून तो है कि शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना है लेकिन फिर ये लोग जो घरों से दूर आकर हातों में शराब पी रहे हैं, उनकी गाड़ी कौन चलाकर उन्हें घर तक ले जाएगा।

पंजाब का दिया उदाहरण: उमा भारती ने शराब नीति को लेकर पंजाब का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में शराब नीति को जरूरी बताते हुए पंजाब का जिक्र करते हुए कहा था कि पंजाब में पहले शराब पीने का खूब दौर चला लेकिन उसके बाद वहां नशे के लिए शराब कम पड़ने लगी। नतीजा यह हुआ कि वहां के युवा शराब की जगह और दूसरे नशीले पदार्थों का प्रयोग करने लगे।