पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इन सैनिकों में एक नाम मध्य प्रदेश के रीवा जिले के फरेदा गाँव में रहने वाले दीपक सिंह का भी था। दीपक की शहादत की खबर मिलने के बाद से पूरे इलाके में मातम का माहौल है। दीपक की 8 माह पहले पिछले साल नवम्बर में ही शादी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही दीपक तैनाती के लिए रवाना हो गए थे। वह अंतिम बार मार्च में होली मनाने घर आए थे।
मंगलवार देर रात सेना के अधिकारियों ने दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना पिता को फोन पर दी। दीपक के पिता गजराज सिंह एक किसान हैं। जवान बेटे की शहादत की खबर से घर से लेकर गांव और आसपास के इलाकों में मातम छा गया। जानकारी के अनुसार दीपक की पत्नी एवं मां का रो-रो कर बुरा हाल है। पति की मौत की खबर से उनकी पत्नी को गहरा सदमा लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे मानने को तैयार ही नहीं है कि उसके हाथों में 8 महीने पहले सजी मेंहदी का रंग अब उड़ चुका है। सेना ने उनके पार्थिव शरीर को लेह में रखा है। गुरुवार को रीवा और फिर मनगवां इलाके के फरेहदा गांव लाया जाएगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 15 दिन पहले दीपक ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी। फोन पर दीपक ने कहा था कि घर वापसी के समय वे उसके लिए कश्मीरी शाल एवं कुछ गहने लेकर आएंगे। दीपकी की शहादत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। शिवराज ने ट्वीट कर एक कविता शेयर की है। शिवराज ने लिखा “तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को, वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं। ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल, तेरे लहू के हर कतरे, तेरी शहादत को सलाम करते हैं। भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।”
पूर्व सीएम कमल नाथ ने ट्वीट कर रीवा के शहीद को श्रद्धांजलि दी, उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश के रीवा के सपूत दीपक सिंह रणबांकुरे ने सरहद पर चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी है। ऐसे वीर सपूत की शहादत को नमन। परिवार के प्रति संवेदनाएं। दुःख की इस घड़ी में हम सभी शहीद वीर सपूत के परिवार के साथ है। लद्दाख में चीनी सेना के साथ संघर्ष में देश की सीमाओं की रक्षा में, हमारे वीर जवानों की शहादत की खबर बेहद दुखदायी है। मैं हमारे सभी शहीद वीर सपूतों को नमन करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। पूरा देश उन शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है।