देश में इन दिनों ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा मस्जिद, कुतुब मिनार और ताजमहल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वहीं इस कड़ी में मध्य प्रदेश के धार शहर की भोजशाला का नाम भी जुड़ गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भोजशाला को लेकर एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि हिंदुओं को सालभर भोजशाला परिसर में पूजा-पाठ करने का धार्मिक अधिकार मिले।

वहीं इस मुद्दे पर एक न्यूज चैनल के टीवी डिबेट शो में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और AIMIM के नेता वारिस पठान आमने-सामने नजर आये। आजतक के एक कार्यक्रम में वकील विष्णु जैन से एंकर ने सवाल किया कि आखिर अचानक से देश की मस्जिदों के अंदर मंदिर क्यों दिखने लगा है। एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं, ताजमहल, कुतुब मीनार का मामला हो या फिर ज्ञानवापी का मामला हो।

इसपर विष्णु जैन ने कहा, “यह सब तस्वीर अचानक नहीं बन रही है। ऐसा वास्तविक है, इसलिए ये तस्वीरें बन रही है। कुतुब मीनार में देवी देवताओं की कटी हुई मूर्तियां रखी हुई हैं। भोजशाला में कटी हुई मूर्तियां हैं तो ऐसी तस्वीरें आ रही है। हम अपने ईष्ट देवता का अपमान नहीं सह सकते हैं। हमें किसी राजनीतिक पार्टी से मतलब नहीं है, हम कोर्ट में अपनी बात रख रहे हैं।”

वकील विष्णु जैन ने वारिस पठान से सवाल किया कि वारिस पठान क्या कह सकते हैं मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई जा सकती है?

वहीं वारिस पठान से एंकर ने सवाल किया कि ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने से डर किस बात का है? जवाब में वारिस पठान ने कहा, “डर इस बात का है देश में संविधान खत्म करने की कोशिश हो रही है। देश में हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है, डर इस बात का है।” वारिस पठान ने कहा कि विष्णु जैन को देश में हिंदू-मुसलमान करने के लिए पैसा मिलता है।

इसपर विष्णु जैन ने आपत्ति जताई और अपना अकाउंट नंबर देते हुए कहा कि मेरे खाते की जांच करा ली जाये। वारिस पठान ने ये आरोप किस आधार पर लगाया है। मेरी जांच करवा लीजिए और वारिस पठान की भी जांच हो कि ये किससे पैसा लेते हैं।

क्या है भोजशाला का विवाद: बता दें कि मध्य प्रदेश के धार शहर में भोजशाला को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि भोजशाला वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है। वहीं मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद मानते हैं। एएसआई की कई सालों से जारी व्यवस्था के मुताबिक, हर मंगलवार को हिंदुओं को भोजशाला में पूजा करने की इजाजत है। वहीं हर शुक्रवार को मुस्लिमों को नमाज अदा करने की अनुमति है। वहीं अब हिंदू पक्ष की मांग है कि यहां हर रोज पूजा करने की अनुमति मिले।