जदयू राज्यसभा सांसद अनिल साहनी ने एलटीसी घोटाले के आरोपों का खंडन करते हुए इस्तीफा देने से मना कर दिया। साहनी ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि जब मैंने कुछ गलत किया ही नहीं तो मैं नैतिक आधार पर इस्तीफा क्यों दूं? सीबीआई को राज्यसभा चेयरमैन हामिद अंसारी ने साहनी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। एजेंसी ने साहनी के खिलाफ कथित तौर पर एलटीसी घोटाले में शामिल होने पर चार्जशीट फाइल की थी। साहनी राज्यसभा के पहले सांसद होंगे, जिनके खिलाफ सीबीआई को मामला चलाने के लिए चेयरमैन की तरफ से मंजूरी मिली है।
सांसद साहनी ने कहा कि वे मानहानि का मुकदमा करने के लिए वकीलों से बात करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वे उस गिरोह का शिकार हुए हैं जो फर्जी बिल बनाकर पैसे लेते हैं। मैंने दो बार इस बारे में प्रशासन को साल 2013 में बताया था कि मेरे नाम से फर्जी बिल जमा कराए गए हैं।
Read Also: मांझी ने सीएम नीतीश पर लगाया ‘कमीशन’ लेने का आरोप, जदयू विधायक ने जताई आपत्ति
अनिल साहनी जदयू से पूर्व राज्यसभा सांसद मदन साहनी के बेटे हैं। अनिल साहनी ने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से मिलकर इस मामले के बारे में चर्चा करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि आपके खिलाफ किसने ‘साजिश’ रची और इसके पीछे क्या वजह है तो उन्होंने कहा कि इस साजिश के पीछे जो भी है वे उन्हें नहीं जानते। मुजफ्फरपुर के रहने वाले साहनी ने कहा कि मुझे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि मैं गरीब समुदाय से ताल्लुक रखता हूं और दलितों के मुद्दे उठाता रहा हूं।
Read Also: जदयू लड़ेगी असम में चुनाव, नीतीश करेंगे प्रत्याशियों के लिए प्रचार
सीबीआई ने साहनी पर आरोप लगाते हुए चार्जशीट फाइल की थी कि उन्होंने बिना यात्रा किए हुए फर्जी ई-टिकट और बॉर्डिंग पास जमा कराकर 23.71 लाख रुपए यात्रा भत्ते के लिए है। गौरतलब है कि राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को हर साल 34 हवाई टिकट मिलते हैं। इन टिकट पर वे खुद, उनका परिवार और उनके साथी घरेलू यात्रा कर सकते हैं।
