देश में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है। हालांकि, ईधन पर यह बढ़ोतरी सिर्फ पिछले कुछ महीनों ही बात नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए के सत्ता में आने के बाद से ही एलपीजी के दाम लगातार बढ़े हैं। आलम यह है कि पिछले सात सालों में गैस सिलेंडर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। वहीं इस दौरान एलपीजी की बढ़ती कीमतों से सब्सिडी लगभग न के बराबर पहुंच गई है।

कितनी हुई एलपीजी के दाम में बढ़ोतरी: लोकसभा में तेल और एलपीजी के दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर पूछे गए सवालों पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखित जवाब दिए हैं। इसके मुताबिक, 1 मार्च 2014 को एक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 410.50 रुपए थी। हालांकि, इस महीने की बात की जाए, तो दिल्ली में ही एक सिलेंडर के दाम 819 रुपए तक पहुंच चुके हैं। यानी पिछले सात सालों में एलपीजी की कीमतें दोगुनी हो गई हैं।

जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2020 से दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडरों (गैर सहायता प्राप्त) के मूल्य 644 रूपए थे, जो मार्च 2021 में बढ़कर 819 रूपये हो गए। यानी पिछले तीन महीनों में सिलेंडर के दाम 175 रुपए बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस कुल बढ़ोतरी में 125 रुपए तो सिर्फ पिछले 32 दिनों में बढ़े हैं। 4 फरवरी से लेकर अब तक सिलेंडर के दामों को चार बार बढ़ाया जा चुका है।

पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई इस बढ़ोतरी को लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जहां पेट्रोल को 26 जून 2010 से ही सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया गया, वहीं डीजल से भी 19 अक्टूबर 2014 को सरकारी नियंत्रण हटा लिया गया। ऐसे में रिटेलर्स अंतरराष्ट्रीय कीमतों, रुपए के एक्सचेंज रेट, टैक्स स्ट्रक्चर और अन्य आधारों पर हर दिन तेल के दाम निर्धारित करते हैं।

पेट्रोल-डीजल से बढ़ा राजस्व: गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भारी टैक्स लगाए जा रहे हैं। इसका असर यह है कि जहां 2013 में इससे 52,537 करोड़ का राजस्व जुटा था, वहीं 2019-20 में इससे 2.13 लाख करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा हुआ। इतना ही नहीं 2020-21 के 11 महीनों में तो तेल के बढ़े दामों से राजस्व 2.94 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है।

एक्साइज ड्यूटी से बढ़ी केंद्र की कमाई: बता दें कि पेट्रोल पर फिलहाल 32.90 रुपए और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी लगाई जा रही है। 2013 में यह एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर 17.98 रुपए और डीजल पर 13.83 रुपए थी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल, प्राकृतिक गैसों और कच्चे तेल से सरकार का कुल एक्साइज कलेक्शन 2016-17 के 2.37 लाख करोड़ से बढ़कर अप्रैल-जनवरी 2020-21 में 3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।