पूर्व रक्षा मंत्रियों ने ‘वांिशगटन पोस्ट’ में रविवार को प्रकाशित एक लेख में अपने विचार साझा किए हैं और राष्ट्रपति पद छोड़ने को लेकर ट्रंप की अनिच्छा पर सवाल खड़े किए हैं।
लेख में उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी सेना को चुनाव संबंधी विवाद में घसीटने के प्रयास देश को खतरनाक, गैरकानूनी और अंसवैधानिक स्थिति में ले जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि तीन नवंबर के चुनाव और कुछ राज्यों में पुन: मतगणना तथा अदालत में विफल चुनौती के बाद नतीजे स्पष्ट हैं।
लेख में पूर्व रक्षा मंत्रियों ने ट्रंप को अपने चुनावी दावों के लिए सेना के गलत इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है। ज्वाइंट चीफ्स आॅफ स्टाफ जनरल मार्क मिली समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अमेरिकी चुनाव के नतीजों में सेना की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा कि सेना की निष्ठा किसी पार्टी के एक नेता के प्रति नहीं, बल्कि संविधान के प्रति है। इस लेख पर डिक चेनी, विलियम पेरी, डोनाल्ड रम्सफेल्ड, विलियम कोहेन, रॉबर्ट गेट्स, लियोन पैनेटा, चक हैगेल, ऐश कार्टर, जेम्स मैटिस और मार्क एस्पर ने हस्ताक्षर किए हैं।
मैटिस ट्रंप के पहले रक्षा मंत्री थे। उनके 2018 में इस्तीफे के बाद एस्पर को रक्षा मंत्री बनाया गया था, लेकिन तीन नवंबर को चुनाव के कुछ दिन बाद ही उन्हें पद से हटा दिया गया था।