सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस का पारा उस समय चढ़ गया जब उन्हें बताया गया कि सतेंद्र कुमार आंतिल केस में उनके दिए आदेश को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने नहीं माना। जस्टिस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से पेश वकील से सवाल किया तो उनका कहना था कि उन्होंने आपके आदेश को सारी लोअर कोर्ट्स के पास भेज दिया था। उनसे इस बारे में हमने रिक्वेस्ट भी की थी। जस्टिस अमानतुल्ला हत्थे से उखड़ गए। उन्होंने हाईकोर्ट के वकील से को फटकार लगाकर कहा- ये लेवल है आपका। हमारे आदेश के बारे में बता रहे हैं कि निचली अदालतों की चापलूसी कर रहे हैं।

दरअसल, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अमानतुल्ला की बेंच इस बात को जानकर बेहद खफा थी कि उनके आदेश के बावजूद मजिस्ट्रेट आरोपियों को बेवजह जेल भेज रहे हैं। बेंच को पिछली सुनवाई के दौरान भी बताया गया था कि सतेंद्र कुमार आंतिल केस में उनके आदेश को निचली अदालतें 10 माह बाद भी नहीं मान रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में कहा था कि जो मजिस्ट्रेट उनके आदेश की अवहेलना कर रहे हैं, उनको फिर से ट्रेनिंग के लिए जूडिशियल अकादमी में भेजा जाए। टॉप कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो आदेश को लागू करे।

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि उत्तर प्रदेश की अदालतें नहीं मान रहीं आदेश

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि आरोपियों को बेवजह जेल भेजने के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से आ रहे हैं। इसके परिपेक्ष्य में इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा गया था कि वो सख्ती से निगरानी करे। मंगलवार को सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट को पता चला कि गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने भी उनका आदेश नहीं माना तो जस्टिस गुस्से से भड़क गए। उसके बाद हाईकोर्ट के वकील से सवाल किए गए।

जस्टिस ने हाईकोर्ट के वकील से किया सवाल, जवाब सुनकर लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के तेवर देखकर एडवोकेट सकपका गए। उन्होंने पहले कहा था कि हमने लोअर कोर्ट से रिक्वेस्ट की थी। जस्टिस का गुस्सा देखकर उन्होंने अपने वाक्य को दुरुस्त करते हुए कहा कि आपका आदेश निचली अदालतों को भेज दिया गया है। आदेश की पालना पर जवाब देने के लिए उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा। जस्टिस संजय किशन कौल ने तल्ख लहजे में कहा कि आप अभी भी समय ही मांग रहे हैं। आपने हमें ये नहीं बताया कि हमारे आदेश की अवहेलना पर कितने मजिस्ट्रेट ट्रेनिंग पर भेजे गए। जस्टिस ने जवाब के लिए हाईकोर्ट को चार सप्ताह का समय दिया।

ध्यान रहे कि सतेंद्र कुमार आंतिल बनाम सीबीआई के केस में सुप्रीम कोर्ट ने तकरीबन 10 माह पहले एक आदेश जारी किया था। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक आरोपी को जेल न भेजा जाए। जिन मामलों में चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई है लोअर कोर्ट उन मामलों के आरपियों को जेल न भेजे। सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि आरोपियों के भी कुछ अधिकार हैं। जेल भी ओवर क्राउडेड हो रही हैं।