Punjab Manpreet Badal: पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मंगलवार को मनप्रीत के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। सतर्कता ब्यूरो टीम ने सोमवार को बठिंडा में मनप्रीत के आवास पर तलाशी ली थी, लेकिन उन्हे गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के अलावा पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें बठिंडा विकास प्राधिकरण (बीडीए) के पूर्व मुख्य प्रशासक बिक्रमजीत शेरगिल, राजीव कुमार, अमनदीप सिंह, विकास अरोड़ा और पंकज का नाम शामिल है। उन्होंने बताया कि राजीव कुमार, अमनदीप सिंह और विकास अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार रात को इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कौन हैं मनप्रीत? जिनकी गिरफ्तारी के लिए हो रही छापेमारी
मनप्रीत बादल अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हैं। वह पहले कांग्रेस में और उससे पहले शिरोमणि अकाली दल के सदस्य थे। सतर्कता ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि बादल और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है।
मनप्रीत सिंह के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना) और 120- के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसके तहत मनप्रीत बादल के खिलाफ सभी एयरपोर्ट पर लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। भूमि आवंटन मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की B (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) दर्ज की गई है।
भगवंत मान ने मनप्रीत पर साधा निशाना
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बयान में मनप्रीत पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जो लोग ईमानदारी का दावा करते थे, वे अब खुद को बचाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मान ने कहा, ”सच बोलने और उस पर कायम रहने के बीच बहुत बड़ा अंतर है…इन पाखंडियों ने हमेशा अपनी लच्छेदार बातों से लोगों को बेवकूफ बनाया है।” उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सेवा की आड़ में उन्होंने राज्य की संपत्ति लूटी जो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।
पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने मनप्रीत के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला द्वारा 2021 में की गई शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी। शिकायत में भाजपा नेता सिंगला ने बठिंडा में एक प्रमुख स्थान पर संपत्ति की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बादल ने मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए वाणिज्यिक भूखंडों को खुद के लिए आवासीय भूखंड में बदल दिया था।