लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक के बाद जारी सांसदों के हंगामे ने नया मोड़ ले लिया गया है। कार्रवाई करते हुए 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस लिस्ट में टीएन प्रथापन, हीबी एडेन, जोथिमनी, राम्या हरिदास  और डीन कुरियाकोस का नाम शामिल हैं। इसके अलावा बेनी बेहानान, वीके श्रीधरन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोई करुणानिधि, के सुब्रमण्यन, एसआर पारथीबान, एस वेंकटेशन और मणिकम टैगोर के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है।

किन सांसदों को किया गया निलंबित?

यहां ये समझना जरूरी है कि 14 लोकसभा और एक राज्यसभा के सांसद निलंबित किए गए हैं। असल में ये सभी सांसद सदन में हंगामा कर रहे थे, सुरक्षा चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की डिमांड कर रहे थे। इस वजह से सदन नहीं चल पा रहा था और कई बार उसे स्थगित भी करना पड़ा। बाद में स्पीकर ने एक्शन लेते हुए हंगामा कर रहे सांसदों को ही निलंबित कर दिया है। यहां भी राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के मामले को तो कमेटी ऑफ प्रिवलिज को सौंप दिया गया है जो तीन महीने के अंदर में अपनी रिपोर्ट देगी।

विपक्ष की क्या मांग है?

जानकारी के लिए बता दें कि इस समय इंडिया गठबंधन की दो प्रमुख डिमांड हैं। एक ये कि गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही सदनों में विस्तृत बयान दें, वहीं दूसरी ये कि सदन में सुरक्षा चूक पर विस्तृत चर्चा हो। अभी के लिए सरकार ने मामले में जांच करने का आश्वासन दे रखा है, लेकिन विपक्षी सांसद इससे संतुष्ट नहीं। उनकी तरफ से मांग की जा रही है कि उन्हें साथ लेकर बहस की जाए, हर पहलू पर विस्तार से चर्चा हो।

कैसे हुई थी सुरक्षा में चूक?

घटना की बात करें तो 13 दिसंबर को दो संदिग्ध लोगों ने संसद में एंट्री की थी। उनकी तरफ से विजिटर गैलरी से छलांग लगाई गई और वो संसद के अंदर आ गए। जिस समय शून्यकाल चल रहा था, तब एक बेंच से दूसरी बेंच पर वो आरोपी कूदे और उनकी तरफ से पीली रंग की एक गैस भी पूरे संसद में छोड़ दी गई। उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया और सांसदों ने ही उस आरोपी को पकड़ा भी। जिस समय संसद में उपद्रव चल रहा था, बाहर भी एक महिला और एक युवक इसी तरह से पीले स्प्रे के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।