लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी तैयारियों में जुट गई है। बीजेपी अपने कुनबे को और मजबूत कर रही है, यानी एनडीए में दलों की संख्या बढ़ाने पर पार्टी काम कर रही है। पिछले कुछ दिनों में बीजेपी ने कई क्षेत्रीय दलों को एनडीए में शामिल करवाया है। इसमें उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी शामिल है, जो प्रदेश के कई जिलों में अपना प्रभाव रखती है। इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं, जो पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए छोड़ा था। हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका नुकसान केवल गाजीपुर लोकसभा सीट पर ही हुआ था लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राजभर के ना रहने के कारण काफी नुकसान हुआ।

राजभर के साथ न रहने से बीजेपी को नुकसान

पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में ओमप्रकाश राजभर और उन्होंने पार्टी सुभासपा का प्रभुत्व माना जाता है। इन जिलों की प्रत्येक विधानसभा सीट पर इनके 20,000 से अधिक वोट है। इन जिलों में आजमगढ़, गाजीपुर, कौशांबी, बस्ती, मऊ और बलिया शामिल है।

अगर हम 2022 विधानसभा चुनाव की बात करें, तो आजमगढ़ में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं और बीजेपी को इसमें एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। वहीं गाजीपुर में 7 विधानसभा सीटें हैं और बीजेपी यहां एक भी सीट हासिल करने में सफल नहीं हो पाई थी।

कौशांबी जिला, जहां पर 3 विधानसभा सीटें हैं वहां पर बीजेपी एक भी सीट हासिल करने में सफल नहीं हुई थी। बता दें कि यह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गृह जिला है और यहां से वह खुद विधानसभा चुनाव हार गए थे। बस्ती जहां पर बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, वहां पर बीजेपी को केवल एक सीट पर जीत हासिल हुई।

मऊ और बलिया में भी बीजेपी को हुआ था नुकसान

मऊ जहां पर राजभर काफी बड़ी संख्या में रहते हैं, यहां पर 4 विधानसभा सीटें हैं और बीजेपी को 2022 में केवल 1 सीट पर जीत प्राप्त हुई थी। यहां की 3 सीट बीजेपी हार गई थी। वहीं बलिया जहां 7 विधानसभा सीटें हैं, यहां पर भी बीजेपी को महज 2 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा था।

आने वाले लोकसभा चुनाव में जब विपक्षी एकजुटता की बात हो रही है, उस दौरान बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती। बीजेपी की पूरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश से अधिक से अधिक सीटें पार्टी प्राप्त करें। वैसे में बीजेपी ने एक बार फिर से ओमप्रकाश राजभर को अपने साथ जोड़ा है।