लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने एक बयान के चलते विवादों में घिर गए हैं। उनके इस बयान के चलते उनकी काफी आलोचना हो रही है। यही नहीं उनके इस बयान को लेकर ट्विटर यूजर्स भी आपस में भिड़ गए। दरअसल ओम बिरला रविवार (8 सितंबर) को राजस्थान के कोटा में आयोजित अखिल ब्राह्मण महासभा की मीटिंग में मौजूद थे, जहां उन्होंने ब्राह्मणों को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों को जन्म से ही समाज में उच्च स्थान मिल जाता है। इसकी वजह उनका समर्पण, त्याग और दूसरे समुदायों को मार्गदर्शन करना है। उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है।
पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ओम बिरला का ट्वीट रिट्वीट करते हुए लिखा है-जातिवाद की कीचड़ में खिलता कँवल… बिड़ला जी, जिस संविधान की शपथ लेकर आप स्पीकर के पद पर बैठे हैं, उसकी कुछ तो लाज रखिये… महोदय !
इसके अलावा दिलीप मंडल ने मखलखान सिंह की कविता ट्विट करते हुए ओम बिड़ला के बयान पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है-सुनो ब्राह्मण,हमारे पसीने से बू आती है, तुम्हें।
तुम, हमारे साथ आओ
चमड़ा पकाएंगे दोनों मिल-बैठकर।
शाम को थककर पसर जाओ धरती पर
सूँघो खुद को
बेटों को, बेटियों को
तभी जान पाओगे तुम
जीवन की गंध को
बलवती होती है जो
देह की गंध से। – कवि मलखान सिंह
समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है। pic.twitter.com/ZKcMYhhBt8
— Om Birla (@ombirlakota) September 8, 2019
इसके अलावा कई यूजर उनके इस बयान को लेकर आपस में बहस करते नजर आए। एक यूजर ने लिखा है,- राम क्या ब्राह्मण थे?
क्या कृष्ण ब्राह्मण थे? क्या सम्राट अशोक ब्राह्मण थे? क्या गुप्त राजा ब्राह्मण थे? यदि नहीं, तो ब्राह्मण कब होने लगे ऊँच स्थान वाले?
इसके जवाब में एक अन्य यूजर ने लिखा है- राम के गुरु ब्राह्मण थे, कृष्णा के गुरु ब्राह्मण थे, अशोक के गुरु ब्राह्मण थे गुप्त के गुरु ब्राह्मण थे और सुनिए गुरु का स्थान क्या होता है थोड़ा अध्ययन कर ले…
मीटिंग में यह बोले ओम बिरला: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ‘‘ब्राह्मण समाज हमेशा सम्पूर्ण समाज को मार्गदर्शन देते हुए काम करता है। आज वर्तमान समय के अंदर भी, एक गांव एक धाणी में एक ब्राह्मण परिवार भी रहता है, तो वह ब्राह्मण परिवार अपने समर्पण और सेवा के कारण, उसका हमेशा उच्च स्थान होता है। और इसलिए इस समाज में पैदा होने के साथ ही, आपका सम्मान, सम्पूर्ण समाज में उच्च रूप से होता है।’’