लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सोमवार (9 मई) को सदन में सांसदों से कहा कि क्या उन्हें मुद्दों पर समझ बढ़ाने के लिए सांसदों की क्लास लेनी पड़ेगी? सारा मामला भाजपा सांसद संजय जायसवाल द्वारा शून्य काल में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मुद्दे पर बोलते हुए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करने के बाद शुरू हुआ। इस पर संसदीय मामलों के मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने स्पीकर से कहा, “एमसीआई एक समिति है और इसके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।”
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नायडू को शांत कराने के लिए जब स्पीकर ने कहा कि वह पहले ही कह चुकी हैं कि यह बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी तो नायडू ने कहा यह भले ही रिकॉर्ड में न जाए लेकिन यह बात मीडिया में जाएगी।
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इस पर सुमित्रा महाजन ने कहा, “मैं आप सभी से यह कहना चाहती हूं। आप सब मुझसे बेहतर जानते हैं कि क्या चीज सदन में नहीं कही जानी चाहिए। आप उन चीजों को बोलने से बच सकते हैं। ये मीडिया में सिर्फ तब आएगा जब आप ये सब बोलेंगे। हम इस सब को कार्रवाई से बाहर कर सकते हैं लेकिन इस बात की तसल्ली के लिए क्या किया जाए कि आप ये सब दोहराएंगे नहीं। इस बारे में मुझे सोचना पड़ेगा”