संसद का मानसून सत्र चल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा जारी है। सोमवार से ही ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में चर्चा हो रही है। इस बीच बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने लोकसभा में हंगामा किया। इंजीनियर राशिद बोलना चाह रहे थे और उनका समय खत्म हो चुका था। इसको लेकर इंजीनियर राशिद ने कहा कि मैं डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आया हूं और मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा है।

मुझे बोलना दिया जाए- इंजीनियर राशिद

इंजीनियर राशिद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर मेरे इलाके में हुआ और वहां पर लोग परेशान हो रहे हैं। राशिद ने कहा कि मुझे बोलना दिया जाए। हालांकि स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने को कहा।

अदालत ने लगाई है शर्तें

बता दें कि इंजीनियर राशिद जेल में बंद हैं और संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए उन्हें कस्टडी पैरोल दी गई है। इंजीनियर राशिद को अदालत ने 24 जुलाई से 4 अगस्त तक के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा किया गया है। हालांकि अदालत ने उन पर कड़ी शर्ते लगाई हैं। इसमें इंजीनियर रशीद को अपनी यात्रा और सुरक्षा का खर्च भी खुद से देना होगा। इसके लिए उन्हें हर दिन 1.45 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।

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साल 2017 से जेल में बंद हैं राशिद

साल 2017 के टेरर फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद इंजीनियर राशिद साल 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। इंजीनियर राशिद ने संसद सदस्य के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए अंतरिम जमानत या कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का अदालत से अनुरोध किया था। कस्टडी पैरोल के तहत कैदी को सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में पैरोल पर रिहा किया जाता है।

इंजीनियर राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था। राशिद के वकील ने पहले दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को अंतरिम जमानत देकर संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। वकील ने आगे कहा कि वैकल्पिक रूप से रशीद को यात्रा खर्च का भुगतान किए बिना कस्टडी पैरोल की अनुमति दी जा सकती है। वहीं NIA ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए और यात्रा खर्च का भुगतान करने के बाद ही कस्टडी पैरोल की अनुमति दी जा सकती है।