लोकसभा में आपराधिक कानून संशोधन से जुड़े तीन नए बिल गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किए हैं। CRPC, IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक- 2023 को लोकसभा के पटल पर रखा गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि यह बिल आपराधिक क़ानूनों में सुधार के लिए लाए गए है।

क्या बदलाव होने वाले हैं?

जैसा की इन बदलावों को लेकर कहा गया है कि भारतीय न्याय संहिता बिल- 2023 पेश करने की वजह कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने और इसकी प्रक्रिया को और सरल बनाना है। लोकसभा बिल पेश किए जाने के दौरान कहा गया कि महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार किए जाने का उद्देश्य आपराधिक कानूनों में सुधार करना है। इन विधेयकों को शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून सत्र में पेश किया था और उन्हें संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था। अब इन क़ानूनों पर संसद विचार करने वाली है।

सांसदों के निलंबन पर हंगामा जारी

लोकसभा से निलंबित हुए सांसद लगातार गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर सदन में बयान देने की मांग कर रहे हैं। आज के अहम मुद्दों में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की राजयसभा के सभापति जगदीप धनकड़ की नकल से जुड़ा मामला काफी चर्चा में रहा। जहां एक तरफ जगदीप धनकड़ ने कहा कि वह सांसद की इस हरकत से दुखी हैं वहीं विपक्षी सांसदों ने अपनी मांग जारी रखी। आज 49 और लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिससे इस सत्र के दौरान दोनों सदनों से बाहर जाने वाले विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है। विपक्ष ने इसे मोदी सरकार की तानाशाही भी कहा। दूसरी तरफ लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने आपराधिक क़ानूनों में संशोधन से जुड़े बिल पेश किए।