Election 2019 Updates: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने की अनुमति के लिये भाजपा की याचिका पर राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने इस याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 21 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी थी। इस फैसले में रथ यात्रा निकालने की इजाजत देने वाली एकल पीठ के फैसले को पलट दिया गया था। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा प्रदेश इकाई को उसकी ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ रैली के लिए एक संशोधित योजना भी जमा करने का निर्देश दिया जिस पर राज्य सरकार विचार कर सके।
पीठ ने मामले में अगली सुनवाई 15 जनवरी को तय की है।
भाजपा की प्रदेश इकाई ने रैली निकालने की इजाजत के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। आगामी आम चुनावों से पहले भाजपा राज्य के 42 संसदीय क्षेत्रों से यह यात्रा निकालना चाहती है। अपनी याचिका में भाजपा ने कहा कि शांतिपूर्ण यात्रा के आयोजन के उनके मौलिक अधिकार की अवहेलना नहीं की जा सकती।
पार्टी ने राज्य के तीन जिलों से यह यात्रा शुरू करने की योजना बनाई थी। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मामले पर नये सिरे से सुनवाई करने के लिए एकल पीठ को भेज दिया था और राज्य एजेंसियों की खुफिया सूचनाओं पर भी विचार करने को कहा था। एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर खंडपीठ ने आदेश दिया था।
मूल कार्यक्रम के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सात दिसंबर को बंगाल के कूच बिहार जिले से, नौ दिसंबर को 24 दक्षिण परगना के काकद्वीप से और 14 दिसंबर को बीरभूम के तारापीठ मंदिर से इन रैलियों को हरी झंडी देने वाले थे। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में भाजपा प्रदेश इकाई ने दलील दी कि अधिकारियों उनके अधिकारियों को कम नहीं कर सकते और यह उनका कर्तव्य है कि वे लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने में उनकी मदद करे।
राज्य सरकार बार-बार नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर ‘‘हमला’’ कर रही है और विभिन्न संगठनों को अनुमति देने से इनकार कर रही है। इसके चलते राज्य सरकार की गतिविधियों को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
इसमें दावा किया गया कि पहले भी ‘‘भाजपा को परेशान करने के लिए’’ कई बार आखिरी वक्त में इजाजत नहीं दी गई और इसी वजह से उसने बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया। साथ ही इसमें कहा गया कि पार्टी ‘‘पश्चिम बंगाल में 2014 से ही ऐसे राजनीतिक प्रतिशोध का सामना कर रही है।’’ भाषा
आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने के दो दिन बाद सुखपाल सिंह खैरा ने मंगलवार को अपने नये राजनीतिक दल का ऐलान कर दिया । खैरा ने बताया, ‘‘नयी पार्टी का नाम पंजाबी एकता पार्टी रखा गया है और यह पूरी तरह पंजाब केंद्रित और क्षेत्रीय दल होगा ।’’ इस दौरान आम आदमी पार्टी के छह विधायक - कंवर सिंह संधू, जगदेव सिंह कमालु, जगतार सिंह हिस्सोवाल, पीरमल सिंह खालसा, मास्टर बलदेव ंिसह और नाजर ंिसह मानशहिया - मौजूद थे ।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटाये जाने के छह महीने बाद रविवार को खैरा ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी। खैरा ने हालांकि, विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। खैरा 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर कपूरथला जिले के भुलत्थ से चुने गए थे ।
खैरा ने इससे पहले पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके‘‘तानाशाही’’ रवैये ने भारतीयों और पंजाबियों के दशकों पुराने सड़े गले प्रणाली के विकल्प के सपने को चकनाचूर कर दिया ।
उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने की अनुमति की मांग करने वाली भाजपा की याचिका पर राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें रथयात्रा की अनमुति देने से इनकार कर दिया गया था। शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा प्रदेश इकाई से उसकी ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ रैली के लिए एक संशोधित योजना भी जमा करने को कहा जिस पर राज्य सरकार विचार कर सके। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई 15 जनवरी को तय की है।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान 124वां संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी प्रदान की है। विधेयक पेश किये जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी। सूत्रों के अनुसार, यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा। सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है। समझा जाता है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है । आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को चुनावी स्टंट बताया और कहा कि अगर सरकार यह फैसला पहले करती तो बेहतर होता। मायावती ने मंगलवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा ‘‘लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया यह फैसला हमें सही नियत से लिया गया फैसला नहीं बल्कि चुनावी स्टंट लगता है, राजनीतिक छलावा लगता है।’’ उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपना कार्यकाल ख़त्म होने से ठीक पहले नहीं बल्कि और पहले यह फैसला करती तो अच्छा होता ।
उल्लेखनीय है कि सामान्य वर्ग के गÞरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को सोमवार को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद इसे अमल में लाने के लिये सरकार द्वारा मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक लोक सभा में पेश किया जाएगा। हालांकि मायावती ने फैसले का स्वागत किया लेकिन इसे महज एक राजनीतिक स्टंट बताया और कहा कि लंबे समय से चली आ रही इस मांग को भाजपा सरकार ने सही ढंग से हल करने की कोशिश नहीं की।
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के पक्षधर एवं समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई का गलत इस्तेमाल किए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि उन्हें इस तथ्य के बारे में जानकारी नहीं है और अगर सीबीआई भ्रष्टाचार के आरोप में किसी से पूछताछ करती है तो उसके बाद मामला न्यायालय में जाता है और उसमें आरोपी को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलता है और अदालत में न्याय होता है ।
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम के बारे में नीतीश ने कहा, ‘‘भाजपा उन राज्यों में हारी है लेकिन मध्यप्रदेश में पार्टी का वोट प्रतिशत कांग्रेस से अधिक है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस से थोड़ा कम है ।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि इस साल होने वाले आम चुनाव के बारे में उनका आकलन है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार आज मीडिया के एक वर्ग के लिये कोई मुद्दा नहीं रह गया है। एक वक्त था जब हमसे इससे जुड़े सवाल मीडिया पूछती थी और हमने उस पर कार्रवाई की, आज की तारीख में मीडिया उसे फॉलोअप नहीं कर रही है, उसे भी अपने आप से सवाल पूछना चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राफेल सौदे पर विपक्ष के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि उनके आकलन के अनुसार अगले लोकसभा चुनाव के बाद फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। नीतीश ने राफेल मुद्दे पर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने इसपर अपना निर्णय दे दिया है और लोकसभा में इस पर विस्तृत बहस हुई है । कहीं कोई बात नहीं बची है, फिर जेपीसी की मांग का क्या मतलब है।’’ महागठबंधन के भविष्य के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजद का आत्मविश्वास कम हो रहा है इसलिए किसी भी पार्टी को अपने साथ जोड़ रहे हैं।
झारखंड के लिए भाजपा के नवनियुक्त लोकसभा चुनाव प्रभारी मंगल पाण्डेय ने आज यहां दावा किया कि देश की जनता का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास बढ़ा है जिसके चलते आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा राज्य की सभी 14 सीटें जीतेगी। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के झारखंड प्रभारी बनाये गये बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने झारखंड के प्रभारी के तौर पर अपनी पहली यात्रा में आज यह दावा किया।
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में झारखंड की सभी 14 सीटों पर भाजपा जीत दर्ज करेगी। भाजपा के लोकसभा चुनावों के लिए प्रदेश प्रभारी मंगल पाण्डेय ने आज प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज देश की जनता नरेन्द्र मोदी जी के साथ है। जनता का विश्वास नरेन्द्र मोदी जी पर बढ़ा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का राज्य में कोई असर नहीं होगा। केंद्र सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार से 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 48 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं इस पर एक शब्द भी नहीं बोलना चाहती हूं।
हमने किसी भी बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है। अब बहुत हो गया। पिछले 34 वर्षों में वाम मोर्चे ने बंद का आह्वान कर पूरे राज्य को बर्बाद कर दिया। अब कोई बंद नहीं होगा।' राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह मंगलवार और बुधवार को अपने कर्मचारियों के आधे दिन की छुट्टी या आकस्मिक अवकाश लेने पर रोक लगाएगी।