Lok Sabha Elections: टीवी चैनलों पर कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखने वाले गौरव वल्लभ गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए। वैसे तो बीजेपी लगातार कांग्रेस पार्टी के नेताओं को तोड़कर उसे हर लेवल पर झटके दे रही है लेकिन अब गौरव वल्लभ को अपने साथ मिला भगवा खेमे ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वो विरोधियों को कहीं भी दमदार तरीके से खुद को अपना स्टैंड (पक्ष) नहीं रखने देगी।
गौरव वल्लभ से पहले टीवी डिबेट्स पर कांग्रेस का दमदार पक्ष रखने वाले जयवीर शेरगिल और शहजाद पूनावाला बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, और अब उसके पक्ष में बाते करते हैं। इन तीनों ही नेताओं की गिनती टीवी डिबेट्स पर बीजेपी नेताओं से कठिन सवाल वाले प्रवक्ताओं में होती थी।
गुरुवार को बीजेपी में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में गौरव वल्लभ ने कहा कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते हैं और वेल्थ क्रिएटर्स को गाली नहीं दे सकते। आपको बता दें कि कांग्रेस में अपनी पारी के दौरान गौरव वल्लभ ने झारखंड और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रीता बहुगुणा जोशी से शुरू हुआ सिलसिला
गौरव वल्लभ से पहले साल 2022 में जयवीर शेरगिल बीजेपी में शामिल हुए थे। वह लगभग एक दशक तक कांग्रेस में रहे। गौरव वल्लभ से पहले साल 2016 में रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी में शामिल हुई थीं। साल 2019 में प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई थीं।
क्यों कांग्रेस छोड़ रहे प्रवक्ता?
कांग्रेस छोड़ने वाले ज्यादातर प्रवक्ताओं ने पार्टी छोड़ने की वजह लीडरशिप द्वारा अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से दूरी को बताया। शेरगिल ने कहा कि उन्होंने करीब एक साल तक गांधी परिवार से मुलाकात की कोशिश की। पूनावाला ने कहा कि उन्हें वंशवाद के खिलाफ बोलने के लिए मना किया गया। इससे पहले उन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस के लिए उनके दृष्टिकोण पर एक टीवी बहस की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा, “हमारा मूल्यांकन योग्यता के आधार पर किया जा सकता है, सरनेम के आधार पर नहीं।”
रीता बहुगुणा जोशी ने पार्टी छोड़ते समय कहा था कि सोनिया गांधी सीनियर नेताओं की सुनती थीं और उन्हें काम करने के लिए फ्री हैंड देती थी लेकिन राहुल गांधी की लीडरशिप में ऐसा नहीं होता। प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के कुछ नेताओं पर गलत व्यहार के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें दूसरा मौका देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस के नैरेटिव को लगा झटका
गौरव वल्लभ के जाने से कांग्रेस के पीआर कैंपेन को बड़ा झटका लगा है। यह झटका इसलिए औऱ भी बड़ा है क्योंकि कांग्रेस सुप्रिया श्रीनेता वैसे भी कंगना रनौत पर पोस्ट को लेकर आलोचना झेल रही हैं। इससे पहले पवन खेड़ा भी पीएम मोदी और रणदीप सुरजेवाला हेमा मालिनी को लेकर अपने बयान के कारण विवादों में रह चुके हैं।
