Lok Sabha Elections 2024: झारखंड की दुमका लोकसभा सीट काफी चर्चित रही है। इस सीट से लंबे समय तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन जीतते रहे थे। साल 2014 में जब बीजेपी की जबरदस्त मोदी लहर थी, उस दौरान भी शिबू सोरेन ने यह सीट अपने नाम की थी लेकिन 2019 में सारा गेम उल्टा पड़ गया था और शिबू सोरेन का गढ़ रही यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी और यहां से सुनील सोरेन बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।
सुनील सोरेन की बात करें तो वे शिबू सोरेन को हराकर साल 2019 में बीजेपी के लिए एक जायंट किलर नेता साबित हुए थे। इसका नतीजा यह है कि उन्हें एक बार फिर बीजेपी ने सुनील सोरेन पर ही भरोसा जताया है और उन्हें इसी सीट से फिर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है, जो कि सुनील के लिए एक चुनौती भी है।
सुनील सोरेन के बारे में बात करें तो उनकी उम्र करीब 44 साल है। सुनील सोरेन पेशे से एक किसान हैं और वे लंबे समय तक एक कार्यकर्ता के तौर पर बीजेपी के लिए काम करते रहे हैं और 2019 में बीजेपी ने उन्हें दुमका के रण में शिबू सोरेन के खिलाफ उतार दिया था।
संसदीय समिति के सदस्य भी है सुनील सोरेन
सुनील सोरेन के सियासी सफर की बात करें तो उन्हें बीजेपी ने 2005 में जमा सीट से प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे करीब साढ़े 6 हजार वोटों से जेएमएम प्रत्याशी से हार गए थे। 2019 में शिबू सोरेन के खिलाफ लड़े थे, तो बीजेपी नेता 45000 वोटों से जीत गए थे, उन्हें उद्योग मंत्री की संसदीय समिति में सदस्य भी बनाया गया था।
सीएम ने किया था 1 लाख से बड़ी जीत का दावा
दुमका पहुंचे सीएम विष्णु देव साय ने कहा था कि मौजूदा सांसद सुनील सोरेन की 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हो गई थी। उन्होंने कहा था कि सोरेन की जीत से सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को मजबूती मिलेगी। उन्होंने सुनील सोरेन के साथ मिलकर दावा किया था कि बीजेपी इस बार 400 के नारे को पूरा करने वाली है। दुमका सीट के सामाजिक परिदृश्य की बात करें तो 2019 के डाटा के मुताबिक दुमका लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 10 लाख 25 हजार 968 है। यहां की 92 फीसदी आबादी गावों में ही रहती है और 8 फीसदी शहरी इलाके हैं।
सीट पर एससी समुदाय की आबादी 7.84 प्रतिशत है और एसटी समुदाय की आबादी 37.39 प्रतिशत है, जो कि लोकसभा प्रत्याशी की जीत में अहम भूमिका निभा सकता है।