लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को एक बार फिर से टिकट दे दिया है। पार्टी ने तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कार्ति को अपना प्रत्याशी बनाया है। शिवगंगा सीट की खास बात यह है कि यह सीट लंबे वक्त से चिदंबरम परिवार का गढ़ रही है। 1984 से यह सीट पी चिदंबरम के पास थी और 2009 में यह उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को ट्रांसफर कर दी गई थी। हालांकि 2014 में AIADMK के प्रत्याशी ने उन्हें काफी बुरी तरह हरा दिया था।
पिछले लोकसभा चुनावों यानी 2019 की बात करें तो इस सीट से कार्ति चिंदबरम को यहां 5.66 सीट लाख वोट मिले थे। इसके पहले 2014 में भी वे इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। बता दें कि डीएमके ने इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है और यह सीट कांग्रेस को ही दी है। ऐसे में कार्ति के लिए सीट पर चुनावी लड़ाई काफी हद तक आसान भी हो सकती है लेकिन उनकी परेशानी बीजेपी AIADMK भी बन सकते हैं।
गौरतलब की शिवगंगा तमिलनाडु की एक दिलचस्प सीट रही है और यहा कांग्रेस की पकड़ मजबूत रही लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने यहां काफी मेहनत की है। पिछले चुनावों की बात करें तो यहां से बीजेपी ने एच राजा को उतारा था और उन्होंने सवा दो लाख से ज्यादा हासिल किए थे, जो कि 21 फीसदी वोट शेयर था। बीजेपी जिन सीटों पर विस्तार के प्रयास में है, उनमें से एक सीट शिवगंगा की भी है।
बढ़ रहा है बीजेपी का वोट शेयर
इससे पहले के लोकसभा के चुनावों की बात करें तो साल 2014 में भी बीजेपी ने एच राजा को सियासी मैदान में उतारा था, और वे तीसरे नंबर पर आए थे, उनको 13 फीसदी वोट शेयर मिला था। साल 2014 के मुकाबले बीजेपी का वोट प्रतिशत 2019 में करीब 8 फीसदी बढ़ा ही था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 में इस सीट पर पार्टी का वोट शेयर कितना बढ़ता है।
बता दें कि 2014 में बीजेपी और AIADMK और बीजेपी अलग अलग थे। ऐसे में AIADMK की पार्टी के 2014 के प्रत्याशी पी.आर. सेंथिलनाथन को जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर डीएमके रही थी, तीसरे नंबर पर बीजेपी और चौथे नंबर पर कांग्रेस रही थी।
विवादों में घिरे हैं कार्ति चिदंबरम
बता दें कि कार्ति चिदंबरम पर चीनी वीजा का एक केस चल रहा है। इसके चलते उनके खिलाफ ईडी जांच कर रही है और उन्हें अप्रैल के पहले हफ्ते में ही ईडी के सामने भी पेश होना है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे सांसद कार्ति चिदंबरम एक बार फिर जीत दर्ज कर पाते हैं, या नहीं।
जातिगत समीकरण का क्या है गणित
शिवगंगा के जातिगत और जनसांख्यकी समीकरण की बात करें तो यह मुख्य तौर पर ग्रामीण सीट है, जहां की साक्षरता दर 70 फीसदी है। यहां 90 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं, वहीं 10 प्रतिशत अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। जातीय समीकरण का जिक्र करें तो अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों की संख्या 16.4 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की हिस्सेदारी 0.1 प्रतिशत है।