Lok Sabha Elections: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी 400 सीटों के लक्ष्य के साथ चुनाव प्रचार में लगी है। भगवा पार्टी लोकसभा इलेक्शन के लिए पांचवी लिस्ट जारी कर चुकी है। अब तक 302 उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है। बीजेपी ने कर्नाटक में हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय अनंत कुमार हेगड़े को टिकट नहीं दिया है। 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हारने वाले दो प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। इनमें पार्टी छोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार भी शामिल हैं। रविवार की रात राज्य से चार प्रत्याशियों की घोषणा की गई।

भारतीय जनता पार्टी ने चिक्कबल्लापुर सीट से पूर्व मंत्री के सुधाकर को मैदान में उतारा है। उन्हें 2023 के विधानसभा इलेक्शन में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, माना जाता है कि वह बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के एक वर्ग के करीबी और भरोसेमंद नेता है। रायचूर सीट से बीजेपी ने अपने सांसद राजा अमरेश्वर नाइक पर फिर से भरोसा जताया है।

2019 में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 20 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इनमें से 9 उम्मीदवारों में बदलाव किया गया है। बीजेपी कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन में है। उम्मीद है कि वह जेडीएस के लिए तीन सीटें छोड़ देगी। इनमें मांड्या, हासन और कोलार की तीन सीटें शामिल हैं। पार्टी ने अभी तक चित्रदुर्ग के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यह सीट एससी कैटेगरी के लिए रिजर्वड है।

हेगड़े को नहीं दिया टिकट

बीजेपी ने एक बड़ा बदलाव करते हुए उत्तर कन्नड़ से पांच बार के सांसद अनंतकुमार हेगड़े को टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी पर भरोसा जताया है। हेगड़े और कागेरी दोनों ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कर्नाटक की कट्टर हिंदुत्व राजनीति पर भरोसा करते हैं। हेगड़े कर्नाटक में हिंदुत्व के पोस्टर बॉय रहे हैं और उनका राजनीतिक उदय 1990 के दशक में राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा था।

बीजेपी ने साल 2019 के इलेक्शन में उत्तर कन्नड़ सीट 4.79 लाख वोटों के अंतर से जीती थी। हेगड़े ने हाल ही के दिनों में ऐसा बयान दिया था, जिससे बीजेपी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को इस बार 400 से ज्यादा सीटे जीतनी चाहिए क्योंकि लोकसभा में तो हमारे पास बहुमत है लेकिन राज्यसभा में नहीं है। संविधान में कोई भी बदलाव करने के लिए हमें 400 सीटें जीतनी होगीं।

1996 में 28 साल की उम्र में उत्तर कन्नड़ से पहली बार सांसद बने हेगड़े गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इसकी वजह से वह सक्रिय राजनीति से तकरीबन 3 साल तक दूर रहे थे। हाल के महीनों में उत्तर कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र के कई गांवों में आयोजित बीजेपी की मीटिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी गैर मौजूदगी पर सवाल खड़े किए थे। एक पार्टी के कार्यकर्ता की तरफ से पूछा गया कि आपने हमारे लिए क्या किया है? क्या विकास हुआ है?

जगदीश शेट्टार को टिकट मिला

बीजेपी ने मंगला अंगड़ी की जगह पर बेलगाम से अनुभवी नेता और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार पर भरोसा जताया है। अप्रैल महीने में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। वे बीजपी द्वारा हुबली से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हो गए थे। हालांकि, वह जनवरी में लौटकर वापस बीजेपी में आ गए। वह लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनके सामने कांग्रेस की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के छोटे बेटे मृणाल हेब्बालकर हैं। यह ओबीसी कोटे की मांग के साथ बीजेपी के खिलाफ खड़े हैं।

बीजेपी की 20 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं होने के बाद वह फिर नाराज हो गए थे। वह धारवाड़ या हावेरी सीट से अपनी उम्मीदवारी की सोच रहे थे। हालांकि, बाद में उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बीएस येदियुरप्पा ने आश्वासन दिया कि उन्हें बेलगाम से टिकट दिया जाएगा। उन्हें इस वायदे के साथ बीजेपी में फिर वापस लाया गया था कि उन्हें लोकसभा इलेक्शन में खड़ा किया जाएगा।

अपने चार बार के बेलगाम सांसद सुरेश अंगड़ी के निधन के बाद, बीजेपी ने 2021 के उपचुनाव में अंगड़ी की विधवा मंगला अंगड़ी को चुनाव लड़वाया और उन्होंने कांग्रेस के मजबूत नेता सतीश जारकीहोली को शिकस्त दी थी। हालांकि, उनकी जीत कोई ज्यादा वोटों के अंतर से नहीं हुई थी। भारी लिंगायत वोटों वाले इस क्षेत्र में बीजेपी की स्थिति काफी कमजोर है।

चिक्काबल्लापुर से के सुधाकर पर दांव

चिक्कबल्लापुर से पूर्व मंत्री के सुधाकर को उम्मीदवार बनाया गया है। सुधाकर को कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष का करीबी माना जाता है। के सुधाकर डॉक्टर हैं। उनको चिक्कबल्लापुर से लड़ने के लिए काफी मजबूत व्यक्ति माना जाता है। इस सीट से बीजेपी के बीएन गौड़ा मौजूदा सांसद है और उन्होंने चुनावी मैदान से पीछे हटने का फैसला किया है। हालांकि, माना जा रहा है कि वह बीजेपी से नाराज हैं। बेगलुरु के बीजेपी नेता एसआर विश्वनाथ के बेटे आलोक विश्वनाथ ने चिक्कबल्लापुर से टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी ने सुधाकर पर भरोसा जताया।