वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से तनाव की ख़बरें लगातार आ रही हैं। आज यह खबर सुर्ख़ियों में रही कि चीन ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद वहां मौजूद अपनी सेना में साठ फीसद तक का इजाफा कर लिया है। हालांकि भारत भी उसके जवाब में अपनी पुरजोर तैयारी कर रहा है। ऐसे में टीवी चैनलों पर होने वाली बहसों में विपक्ष सरकार पर कमजोर विदेश नीति के मसले को लेकर हमलावर है।
समाचार चैनल न्यूज़ 18 इंडिया पर होने वाले बहस के शो में लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता एल के वाजपेयी ने सरकार का पक्ष रखते हुए सवालिया अंदाज में कहा कि मुझे पैनल पर बैठे लोग ये बता दें कि उन्हें मोदी जी पर विश्वास है या नहीं, मोदी जी का व्यक्तित्व आक्रामक है या नहीं। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि न तो देश की सार्वभौमिकता से समझौता किया जा सकता है और न ही सेना पर संदेह किया जा जा सकता है। इसके बाद उन्होंने चीन के खिलाफ सरकार के क़दमों को गिनाते हुए कहा कि अभी तक 224 एप्स पर बैन लगाया जा चुका है, 200 से ज्यादा के टेंडर और 5जी से चीन बाहर हो चुका है। आखिर में उन्होंने कहा की इस सरकार ने चीन से कोई समझौता या राजीव गाँधी ट्रस्ट के लिए अनुदान नही लिया है। हमने भी चीन के खिलाफ तैयारी पूरी कर ली है।
एल के वाजपेयी को जवाब देते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि चीन ने हमें हमारे पड़ोस में अकेला कर दिया है। चीन के साथ पाकिस्तान है। चीन श्रीलंका से महत्वपूर्ण समझौते कर रहा है। वह हमारे पुराने सहयोगी बांग्लादेश में वे पनडुब्बियां बना रहे हैं। नेपाल को उन्होंने अपने इशारों पर नचाया। आप कहीं पर तो चीन से सुचारू रूप से निबटिये और ये स्वीकार कीजिये कि चीन को पढने में आपसे गलती हुई है।
उनके इस जवाब को बीच में रोकते हुए वाजपेयी राजीव गाँधी ट्रस्ट में चीन के द्वारा दिए गए पर फंड पर पूछे गए सवाल का जवाब मांगने लग गए। उनके द्वारा टोंके जाने पर सुप्रिया भड़क उठीं और जब उन्होंने वाजपेयी को बीच में न बोलने की सलाह दी तो वाजपेयी ने कहा, “हम आपका धारा प्रवाह प्रवचन सुनने नहीं आये हैं। इसके बाद दोनों प्रवक्ताओं के बीच बेहद तल्ख़ अंदाज में बहस देखने को मिली। इसी बीच कार्यक्रम के एंकर प्रतीक त्रिवेदी वाजपेयी को शांत करते हुए दिखाई दिए।