सेना में भर्ती को लेकर केंद्र द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध देश के कई राज्यों में देखा जा रहा है। यूपी व बिहार में आगजनी की खबरें आई हैं। इस बीच अग्निपथ योजना को बनाने वाले एडिश्नल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि इस योजना की जरूरत फौज में आज से नहीं बल्कि कारगिल युद्ध के समय से है।
एबीपी न्यूज चैनल से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, “आज के समय में सेना में औसत उम्र 32 साल है लेकिन कारगिल के दौरान ही हमें इस औसत उम्र को 26 साल करने को कहा गया था। अग्निपथ योजना का मकसद ज्यादा से ज्यादा जवान इस स्कीम के अंदर लाने का है।”
बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध में लोगों में यह सवाल अधिक है कि आखिर चार साल की सैन्य सेवा देने के बाद युवा क्या करेंगे? इस सवाल पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, “इस योजना में 10वीं के बाद आने वाले युवक को 12वीं का सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके साथ इस योजना में आने वाला हर नौजवान चार साल बाद अनुशासनयुक्त होगा, जोकि उनके भविष्य में काम आएगा और उन्हें कॉन्फिडेंट बनाएगा।”
अनिल पुरी ने कहा, “सेना में शामिल होने वाले अधिकतर युवा गांव से होते हैं। ऐसे में इस योजना के तहत वो 4 साल सेना में सेवा देने के बाद 12 लाख रुपये जमा कर पाएंगे। जिससे वो कुछ कारोबार शुरू कर सकते हैं। वो चाहें तो नया ट्रैक्टर लेकर खेती कर सकते हैं। इन पैसों से युवा अपना रोजगार कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी तकनीकी में हमसे कहीं कदम आगे होगी। उनकी इस समझ का फायदा सेना को मिल सकता है। जिसका इस्तेमाल देश की रक्षा में बेहतरी के लिए हो सकता है। इस योजना का मकसद सेना को यंग बनाने के लिए है। अनिल पुरी ने कहा कि यह योजना किसी एक की नहीं है ये होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच है। इस योजना पर एक दिन में फैसला नहीं लिया गया बल्कि पिछले 2 साल इसपर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों की मांग को देखते हुए इस योजना में अभ्यर्थियों की उम्र 21 साल से 23 साल कर दी गई है। अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में आने वाले 25 प्रतिशत युवा चार साल बाद भी देश की सेवा करते रहेंगे। लेकिन अन्य 75 प्रतिशत युवाओं के पास आगे भविष्य के लिए स्किल्स मिलेगी। सेना की ट्रेनिंग युवाओं को आगे बढ़ने में सहायक होगी।
वहीं एनडीटीवी से अनिल पुरी ने कहा, “हम आगजनी के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे लोगों का सेना में कोई स्थान नहीं है। सेना में अनुशासनहीनता की ज़रा भी जगह नहीं है।” सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि पहली प्राथमिकता सेना को युवा, आधुनिक और अधिक प्रभावी बल बनाना है।