देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलाईसी का आईपीओ अगले महीने मार्च में पेश किया जा रहा है। यह वित्‍त वर्ष के शुरू होने से पहले ही लाया जा रहा है। इसी के मद्देनजर कंपनी ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास आज ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा किया है। जिसके अनुसार यह जानकारी मिली है कि सरकार बीमा कंपनी के 31 करोड़ से अधिक के इक्विटी शेयर बेचेगी। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में सरकार की 5 फीसदी हिस्सेदारी आने वाले आईपीओ में पेश किया जाएगा।

DRHP के अनुसार, सरकार कुल उपलब्ध 6.32 बिलियन इक्विटी शेयरों में से IPO के माध्यम से निवेशकों को 316 मिलियन इक्विटी शेयर बेचेगी। एलआईसी की डीआरएचपी ने देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश के लिए मंच तैयार किया है। इसके मद्देनजर सरकार की योजना है कि 316,249,885 इक्विटी शेयरों को 10 रुपये के अंकित मूल्य के साथ एक सार्वजनिक पेशकश में बेचने की है जो मार्च में चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले होगी। सरकार की योजना 5 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचकर 63 हजार करोड़ जुटाने की है।

सरकार को जाएगा मुनाफा
सरकार इस बड़े बीमा कंपनी का बड़ा आईपीओ को पेश कर ज्‍यादा लाभ पाना चाहती है। इस कारण इक्विटी शेयरों का कोई नया मॉडल नहीं पेश किया जाएगा, जिससे एलआईसी शेयर बिक्री का मुनाफा भारत सरकार को जाएगा और बीमा व्यवसाय को ऑल-ओएफएस आईपीओ से कोई राजस्व नहीं मिलेगा।

10 प्रतिशत हिस्‍सा होगा रिजर्व
विशेषज्ञों के मुताबिक यह एंबेडेड वैल्यू का तीन गुना यानी 16 लाख करोड़ रुपये हो सकती है। आइपीओ का एक हिस्सा एंकर इन्वेस्टर के लिए आरक्षित होगा। साथ ही 10 प्रतिशत हिस्सा एलआइसी के पालिसीधारकोंके लिए रिजर्व होगा।

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78 हजार करोड़ का लक्ष्‍य
सार्वजनिक पेशकश से सरकार को 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है, जो पहले 1.75 लाख करोड़ रुपये था। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 12,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एलआईसी वर्तमान में पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। एलआईसी एक राज्य के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी है जो बाजार के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करती है।